UFC 312: ऑस्ट्रेलिया में शानदार मुकाबला, चैंपियंस ने किया खिताब का बचाव

UFC 312: ऑस्ट्रेलिया में शानदार मुकाबला, चैंपियंस ने किया खिताब का बचाव फ़र॰, 9 2025

UFC 312: ऑस्ट्रेलिया में धूम मचाने वाले मुकाबले

UFC 312 ने सिडनी के कुदोस बैंक एरीना में एक जबरदस्त इवेंट पेश किया। इसमें कुल 12 मुकाबलों का आयोजन हुआ, जिसमें दो प्रमुख चैंपियनशिप फाइट्स शामिल थी। मुख्य इवेंट के अंतर्गत, डरिकस डू प्लेसीस ने शॉन स्ट्रिकलैंड को एक करीबी फिफ्टय सॉर्ट के निर्णय से हरा अपनी मिडलवेट चैंपियनशिप का सफलतापूर्वक बचाव किया। यह वही खिताब था जो उन्होंने पहली बार 2023 में स्ट्रिकलैंड से जीता था।

सह-मुख्य इवेंट में, झांग वेइलि ने तातियाना स्वारेज़ के खिलाफ अपने स्ट्रॉवेट टाइटल का बचाव किया। मुकाबला बेहद कड़ा रहा, जिसमें दोनों फाइटर्स ने अपनी पूरी ताकत लगाई।

प्रमुख प्रदर्शन और विवाद

प्रमुख प्रदर्शन और विवाद

ऑस्ट्रेलियाई फाइटर्स ने इस इवेंट में अपनी छाप छोड़ी। टॉम नोलन, जो 24 वर्षीय लाइटवेट फाइटर हैं, ने अपने प्रतिद्वंदी वियाचेस्लाव बर्शचेव को एकमत निर्णय से हराते हुए अपने रिकॉर्ड को 9-1 पर पहुंचाया। इसके अलावा, क्विलन साल्किल्ड और जोनाथन मिकलफ ने भी प्राथमिक राउंड में जीत हासिल की।

अन्य उल्लेखनीय प्रदर्शन में एलेक्जेंडर टोपुरिआ का UFC में पहला मुकाबला था। उन्होंने कोल्बी थिकनेस को हराते हुए विजयी शुरुआत की। उनके भाई इलिया टोपुरिआ पहले से ही फेदरवेट चैंपियन हैं। क्विलन साल्किल्ड ने अंशुल जुबली को मात्र 19 सेकंड में नॉकआउट कर दिया, जो UFC लाइटवेट इतिहास का दूसरा सबसे तेज नॉकआउट है। हालांकि, इस नतीजे पर अंशुल ने विवाद उठाया, यह दावा करते हुए कि वह आउट कोल्ड नहीं थे।

इस इवेंट में कोडी स्टील, जो कि -370 की संभावना से विजेता समझे जा रहे थे, रॉंगझु के हाथों एकमत निर्णय से हार गए। हालांकि, चीन और जॉर्जिया के फाइटर्स का प्रदर्शन बेहद अच्छा रहा, जबकि ब्राज़ील के फाइटर्स के लिए परिणाम मिश्रित थे।

5 टिप्पणि

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    Mita Thrash

    फ़रवरी 9, 2025 AT 12:25

    UFC के इस इवेंट में ऑस्ट्रेलिया की एंरिज़्म ने टीम स्पिरिट को नई ऊँचाई पर पहुंचाया। डरिकस की डिफेंसिव स्ट्रैटेजी को देख कर लगता है कि मैट्रिक्स में क्वँटम लेवल का कंस्ट्रक्ट इस्तेमाल हुआ है। साथ ही झांग वेइलि का स्ट्राइक बस सिगरेट की धुआँ जैसी फटी हुई थी, पर बाद में वो रेनबो ब्रोकेड में बदल गया। टॉम नोलन का कॉम्पोज़िशन इंटेलिजेंस भी कमाल थी, उसने रिंग में फॉर्मुला 1 की रेस जैसा रफ़्तार दिखाया। कुल मिलाकर, यह इवेंट मैक्रो‑ट्रेंड्स को सेट कर रहा है और फाइटर कम्युनिटी में इको‑सिस्टम को रीफ़्रेश कर रहा है।

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    shiv prakash rai

    फ़रवरी 14, 2025 AT 05:26

    वाह, आखिरकार ऑस्ट्रेलिया में भी पॉपकॉर्न जैसा फाइट देखना मिल गया।

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    Subhendu Mondal

    फ़रवरी 14, 2025 AT 06:50

    इवंत का ब्रोको फोकस बग़ैर फैन नहीं कर सकता, बक़ी सब तो फेक नॉइज़ है।

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    Ajay K S

    फ़रवरी 15, 2025 AT 09:13

    सम्पूर्ण विश्लेषण से पता चलता है कि डरिकस का तकनीकी विज़न एलीट क्लास का है 🤓। इस जीत को केवल “ड्रॉ” मत समझो; यह एक ए़पिसोडिक एन्हांसमेंट है जो फाइटिंग सायंस में नई पैराडाइम स्थापित करता है।

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    Saurabh Singh

    फ़रवरी 21, 2025 AT 04:06

    फाइटिंग इवेंट्स हमेशा दीप्लोमैटिक कवरेज के नीचे चलते हैं।
    ऑस्ट्रेलिया में इस UFC की जगह सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश का मंच है।
    सरकारें इस इवेंट को एक वैध कवर के रूप में इस्तेमाल करती हैं ताकि अपने असली एजेंडे को छुपा सकें।
    देखो, जेंडर पॉलिसी और मीडिया में एंटी-ट्रांस संदेशों को बार-बार डाला जाता है।
    यही कारण है कि कुछ फाइटर्स को अचानक बैन या सफ़ेद सूची में बदल दिया जाता है।
    डरिकस का जीतना भी एक प्री-डिटरम्ड परिणाम था, जिसे जीपीएस ट्रैकिंग से साबित किया जा सकता है।
    झांग वेइलि की जीत को भी एक नियोजित दावे के तौर पर देखा जाना चाहिए।
    टॉम नोलन का लाइटवेट चैंपियन बनना सिर्फ एक स्टेट-स्पॉन्सरशिप का हिस्सा है।
    इस तरह के इवेंट्स को कॉर्पोरेट फाइनेंस की मदद मिलती है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रिया आसान होती है।
    यही कारण से मैं हमेशा कहता हूँ कि जनसंख्या को जागरूक होना चाहिए।
    फाइटर की ट्रेनिंग भी अक्सर गुप्त प्रयोगशालाओं में होती है, जहाँ अज्ञात केमिकल्स मिलाए जाते हैं।
    जब आप इस पर गहराई से नज़र डालते हैं, तो पता चलता है कि सब कुछ नियोजित है।
    इसलिए इस इवेंट की विजयी कहानियों को बिना सवाल किए नहीं लेना चाहिए।
    ओह, और याद रखो, मीडिया की रिपोर्टिंग अक्सर बायस्ड होती है और सच्चाई को छुपाती है।
    अंत में, यदि आप सच्चाई चाहते हैं तो इन पपेट शो को देखकर नहीं, बल्कि स्वतंत्र स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करके समझें।
    यह ही वास्तविक स्वतंत्र सोच का रास्ता है।

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