पैरालंपिक्स 2024 में शॉट पुटर सचिन सरजेराव खिलारी का चमत्कार; भारत की मेडल संख्या पहुंची 21

पैरालंपिक्स 2024 में शॉट पुटर सचिन सरजेराव खिलारी का चमत्कार; भारत की मेडल संख्या पहुंची 21 सित॰, 4 2024

सचिन सरजेराव खिलारी: अद्वितीय प्रतिभा और संघर्ष की मिसाल

सचिन सरजेराव खिलारी ने पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में अपने जीवन के एक अद्भुत क्षण का अनुभव किया जब पुरुषों के शॉट पुट F46 इवेंट में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। 34 वर्षीय इस खिलाड़ी ने न केवल एक नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया, बल्कि अपनी क्षमता और मेहनत का प्रमाण भी दिया। खिलारी की 16.32 मीटर की दूरी ने सभी दर्शकों को स्तब्ध कर दिया, और उनके थ्रो ने पहले से ही स्थापित 16.30 मीटर के उनके खुद के रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जो उन्होंने इस साल की शुरुआत में जापान में वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दर्ज किया था।

गोल्ड मेडल की दौड़ में कड़ा मुकाबला

खिलारी का यह प्रदर्शन विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि यह उनकी दूसरी कोशिश में आया। हालांकि, उन्हें बहुत ही करीबी अंतर से गोल्ड मेडल से वंचित रहना पड़ा। कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट ने 16.38 मीटर के झटके के साथ गोल्ड मेडल जीता। वहीं, क्रोएशिया के लुका बकोविक ने 16.27 मीटर की थ्रो के साथ कांस्य पदक हासिल किया।

खिलारी का प्रेरक सफर

सचिन सरजेराव खिलारी का सफर एक प्रेरणा स्रोत है। महाराष्ट्र के कंगानी गांव के एक किसान परिवार से आने वाले खिलारी को बचपन में एक दुर्घटना के कारण बाएं हाथ में अक्षमता हो गई थी। इसमें गैंग्रीन और मसल की कमजोरी शामिल थी, परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और F46 वर्ग में प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया, जो उन एथलीट्स के लिए होता है जिनके हाथों में मांसपेशियों की कमजोरी या मूवमेंट में समस्या होती है।

अपने समुदाय और देश को गौरवान्वित किया

खिलारी की इस जीत ने न केवल उनके परिवार और गांव को गौरवान्वित किया, बल्कि पूरे देश को गर्वित किया है। यह भारत का पैरालंपिक्स में 21वां पदक था, जिससे भारत कुल पदक तालिका में 19वें स्थान पर पहुँच गया। अकेले ट्रैक-एंड-फील्ड इवेंट्स से भारत के 11 पदक आए।

और भी चमके भारतीय सितारे

इस बार पैरालंपिक्स में और भी कई भारतीय एथलीट्स ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। पुरुषों के हाई जंप T63 में शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु ने क्रमश: सिल्वर और कांस्य पदक जीते। वहीं, जेवेलिन थ्रो F46 में अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। महिला 400 मीटर T20 कैटेगरी में दीप्थी जीवनजी ने कांस्य पदक जीता।

अन्य खेलों में भारतीय प्रदर्शन

आर्चरी में, तोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता हरविंदर सिंह ने चीनी ताइपे के त्सेंग लंग-हुइ और इंडोनेशिया के सेतियावान को हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। टेबल टेनिस में, तोक्यो संस्करण की सिल्वर मेडलिस्ट भाविनाबेन पटेल ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में चीनी खिलाड़ी यिंग झोउ से हार गईं। मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल (SH1) प्रतियोगिता में भारतीय शूटर निहाल सिंह और रुद्रांश खंडेलवाल फाइनल में स्थान नहीं बना सके।

आशा की नई किरण

भारत के पैरालंपिक प्रदर्शन ने सभी को यह सिखाया कि मेहनत, संघर्ष और हिम्मत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। सचिन सरजेराव खिलारी और अन्य खेलों में भारतीय एथलीट्स के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि भारत खेल की दुनिया में एक नई पहचान बना रहा है। उनकी इस उपलब्धि ने भारतीय फुटबॉल फैंस में नई उम्मीदें और उत्साह भर दिया है।