सिल्वर की कीमतें अक्टूबर 2025 में तेज़ रफ़्तार: चेन्नई सबसे ऊंची, MCX पर तकनीकी संकेत

सिल्वर की कीमतें अक्टूबर 2025 में तेज़ रफ़्तार: चेन्नई सबसे ऊंची, MCX पर तकनीकी संकेत अक्तू॰, 10 2025

जब GoodReturns.in ने चेन्नई की नई कीमतें जारी कीं, तो पूरे देश में धूम मच गई। उसी दिन Financial Express ने 999 शुद्ध सिल्वर के विभिन्न ग्रैम‑प्राइस लिस्ट किए, और Angel One ने राष्ट्रीय औसत को 1,44,010 रुपये बताया। सिल्वर की कीमत के इस उछाल ने निवेशकों, उद्योग विशेषज्ञों और सामान्य जनता के बीच रीढ़ की हड्डी बनाकर सवाल उठाए – क्या यह बुलिश मूवमेंट अगले महीने तक जारी रहेगा?

देशी बाजार में सिल्वर की कीमतों का विस्तृत विवरण

10 अक्टूबर 2025 को विभिन्न शहरों में सिल्वर के दाम अलग‑अलग दिखे। चेन्नई ने 1,77,000 रुपये प्रति किलोग्राम (₹177 प्रति ग्राम) के साथ सबसे ऊँचा स्तर छुआ, जबकि मुंबई, दिल्ली और कोलकाता क्रमशः 1,43,750, 1,43,500 और 1,43,540 रुपये पर रहे। यह आंकड़ा GoodReturns.in की रिपोर्ट से लिया गया है, जिसमें बताया गया कि अक्टूबर की शुरुआत में कीमत 1,61,000 रुपये थी और 9 अक्टूबर को 1,77,000 रुपये तक पहुंच गई – अर्थात् 9.94% का बढ़ोतरी।

Financial Express ने 10 अक्टूबर को 10 ग्राम के चार अलग‑अलग दरें बताई: 1,452.90 रुपये (₹145.29/ग्राम) में गिरावट, 1,474.70 रुपये (₹147.47/ग्राम) में बढ़ोतरी, 1,454.60 रुपये (₹145.46/ग्राम) में मामूली उछाल, और 1,454.50 रुपये (₹145.45/ग्राम) में हल्की बढ़ोतरी। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ कि शहर‑वार असमानता के बावजूद, सम्पूर्ण ग्राम‑स्तर पर सिल्वर प्रीमियम में स्थिर बढ़ोतरी चल रही है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार की प्रगति और तुलना

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, Fortune ने 7 अक्टूबर को सिल्वर को $48.47 प्रति औंस बताया, जबकि 10 अक्टूबर को TradingEconomics ने इसे $49.48 पर रिपोर्ट किया। यह महज 0.29% की छोटी बढ़ोतरी थी, पर साल‑दर‑साल 58.04% की शानदार उछाल को नहीं भुलाना चाहिए।

सीमाप्रकाश वर्ष 2011 के बाद $50 की रेज़िस्टेंस फिर से दिखाई दे रही है – एक ऐसी सीमा जो इतिहास में कई बुलिश सर्ज़ के संकेतक रही है। यदि $50 को पार किया गया, तो $56‑$60 के लक्ष्य संभव प्रतीत होते हैं, क्योंकि सिल्वर का उपयोग सौर पैनलों और इलेक्ट्रिक वाहनों में तेज़ी से बढ़ रहा है।

तकनीकी विश्लेषण और MCX पर भविष्य के संकेत

Times of India के विश्लेषकों ने MCX (Meta Commodity Exchange) पर सिल्वर को 1,48,000 रुपये पर देखा, जिससे लक्ष्य 1,56,000 रुपये और स्टॉप‑लॉस 1,43,000 रुपये तय किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि यदि 1,43,000 रुपये का समर्थन स्तर टिकता रहा, तो बाजार आगे की रैली देख सकता है। इस समर्थन को ‘की सेंट्रल मैक्रो‑इकॉनॉमिक फ़ोर्सेज़’ जैसे वैश्विक महंगाई, उद्योगिक मांग और सुरक्षित निवेश की खोज ने मज़बूत किया है।

TradingEconomics की भविष्यवाणी के अनुसार, चौथी तिमाही के अंत में सिल्वर $48.99 पर और अगले 12 महीनों में $52.23 पर ट्रेड होगा। यह अनुमान विभिन्न आर्थिक संकेतकों जैसे यूएस डॉलर की कमजोरी, रियल एस्टेट में निवेश की कमी और नवीनीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग को ध्यान में रखकर किया गया है।

उद्योगों पर प्रभाव और निवेशकों की राय

उद्योगों पर प्रभाव और निवेशकों की राय

सूर्य ऊर्जा कंपनियों ने बताया कि सिल्वर की कीमतों में वृद्धि से उनके उत्पादन लागत में लगभग 3‑4% की बढ़ोतरी हो सकती है, पर साथ ही यह एक ‘लाभ‑सुरक्षा’ का उपकरण भी बन गया है। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं ने कहा कि सिल्वर बैटरी के डिज़ाइन में अगली पीढ़ी की तकनीक के कारण मांग में तेजी से बढ़ोतरी होगी।

वित्तीय सलाहकारों ने बताया कि परम्परागत ‘सुरक्षा के उपकरण’ के रूप में सिल्वर अब ‘स्मार्ट इन्वेस्टमेंट’ बन रहा है। वे सुझाव देते हैं कि 5‑10% पोर्टफोलियो को सिल्वर में आवंटित किया जाए, विशेषकर उन निवेशकों के लिये जो ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर चिंतित हैं।

आगे क्या उम्मीदें? संभावित जोखिम और अवसर

यदि वैश्विक मुद्रास्फीति दर 4‑5% के ऊपर बनी रहती है, तो सिल्वर को निवेशकों की ओर से और भी समर्थन मिलेगा। दूसरी ओर, अगर यूएस फेडरीटल रिज़र्व नीतियों में अचानक कटौती होती है, तो डॉलर फिर से मजबूत हो सकता है और सिल्वर की कीमतों में व्यवधान आ सकता है। इसलिए, तकनीकी विश्लेषकों ने निकट भविष्य में संभावित ‘कॉर्पोरेट रिलीज़’ जैसे बड़े इलेक्ट्रिक‑कार प्रोजेक्ट या सोलर फॉर्मूला के अधिदेय ‘सार्वजनिक घोषणा’ को ट्रैक करने की सलाह दी।

सारांश में, अक्टूबर 2025 में सिल्वर की कीमतें न सिर्फ घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ऊपर की ओर अग्रसर हैं। यह रुझान कई कारकों – औद्योगिक माँग, निवेश संरक्षण, और वैश्विक वित्तीय नीतियों – के संगम से उत्पन्न हुआ है। निवेशकों के लिए यह समय है कि वे इस धारा को समझदारी से देखें और अपने पोर्टफोलियो में संतुलित हिस्सेदारी रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या सिल्वर की कीमतें अगले महीने तक बढ़ सकती हैं?

विश्लेषकों का मानना है कि यदि $50 प्रतिऑंसर स्तर को पार किया गया और वैश्विक महंगाई जारी रही, तो सिल्वर की कीमतों में न्यूनतम 3‑5% की और बढ़ोतरी संभव है। हालांकि, अमेरिकी फेड की नीति बदलाव इस पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।

चेन्नई में सबसे ऊँची कीमत क्यों देखी गई?

चेन्नई ने स्थानीय व्यापारी संघों के साथ मिलकर उत्तरोत्तर खरीद‑बिक्री की उच्च मात्रा दर्ज की, जिससे सप्लाई‑डिमांड गैप बढ़ा और कीमतें राष्ट्रीय औसत से 5‑6% ऊँची रही।

MCX पर सिल्वर ट्रेडिंग का लक्ष्य क्या है?

Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, MCX पर समर्थन 1,43,000 रुपये है और लक्ष्य 1,56,000 रुपये निर्धारित किया गया है, बशर्ते समर्थन स्तर टिके रहे।

सिल्वर की कीमतों का उद्योगों पर क्या असर पड़ेगा?

सूर्य ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में लागत बढ़ने की संभावना है, परंतु निवेश पोर्टफोलियो में सिल्वर शामिल करने से जोखिम कम हो सकता है, क्योंकि यह एक हेज़िंग एसेट माना जाता है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सिल्वर की कीमतें भारत से कैसे तुलना करती हैं?

अक्टूबर 2025 में भारत में सिल्वर का औसत ₹1,44,000 प्रति किलोग्राम रहा, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर $49.48 प्रति औंस (लगभग ₹3,900 प्रति औंस) था। रूपांतरण दर में उतार‑चढ़ाव के कारण दोनों बाजारों में छोटे‑छोटे अंतर देखते हैं, पर दोनों ही बुलिश ट्रेंड दिखा रहे हैं।

3 टिप्पणि

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    Shruti Phanse

    अक्तूबर 10, 2025 AT 04:49

    अक्टूबर 2025 में सिल्वर की कीमतों में हुई तीव्र उछाल ने निवेशकों के बीच गहरी चर्चा छेड़ दी है।
    चेन्नई में 1,77,000 रुपये प्रति किलोग्राम का स्तर दर्शाता है कि स्थानीय बाजार में मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
    यह वृद्धि केवल स्थानीय आपूर्ति‑डिमांड असंतुलन तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक महंगाई और नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग का परिणाम भी है।
    विश्व स्तर पर सिल्वर की कीमत $49.48 प्रति औंस तक पहुँचने से भारतीय बाजार में प्रति ग्राम लगभग ₹145 की औसत दर बनी रहती है।
    MCX पर तकनीकी संकेतक समर्थन स्तर 1,43,000 रुपये को मानते हुए लक्षित 1,56,000 रुपये की संभावना को उजागर करते हैं।
    हालांकि, संभावित जोखिमों में यू.एस. फेड की नीति बदलाव और डॉलर के पुनः मजबूत होना शामिल है।
    मेरे विचार में, निवेश पोर्टफोलियो में 5‑10% हिस्से को सिल्वर में आवंटित करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।
    यह कदम न केवल महँगे धातु के मूल्य उछाल से लाभ उठाने में मदद करेगा, बल्कि पोर्टफोलियो को हेज़ के रूप में भी सुदृढ़ करेगा।
    साथ ही, सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योगों में सिल्वर की माँग भविष्य में और तेज़ी से बढ़ेगी।
    इस कारण उत्पादन लागत में थोड़ी वृद्धि तो होगी, पर दीर्घकालिक लाभ संभावित रूप से अधिक रहेगा।
    निवेशकों को चाहिए कि वे तकनीकी संकेतकों को सतर्कता से देखें, विशेषकर यदि समर्थन स्तर टूटता है तो तत्काल कार्रवाई करें।
    दूसरी ओर, यदि कीमतें $50 के रेज़िस्टेंस को पार कर लेती हैं, तो 60 डॉलर तक के लक्ष्य व्यावहारिक लगते हैं।
    इस बात को ध्यान में रखते हुए, बाजार की अस्थिरता को समतल करने के लिए छोटे‑छोटे हिस्से में निवेश करना उचित रहेगा।
    अंत में, हमारे देश की मौद्रिक नीति, भीषण महँगी और निर्यात‑आधारित उद्योगों की प्रतिक्रिया इस धातु की दिशा तय करेगी।
    इसलिए, सतर्क रहना और विविधीकरण को प्राथमिकता देना इस बुलिश रैली में शालीनता बनाए रखने का तरीका है।

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    Shreyas Moolya

    अक्तूबर 17, 2025 AT 03:29

    सिल्वर की कीमतें अभी भी जिम्मेदारी से देखनी चाहिए।

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    Pallavi Gadekar

    अक्तूबर 24, 2025 AT 02:09

    भाईसाब सिल्वर का दाम देख कर लगे है जैसे जलेबी की मिठास बढ़ गई!
    चेन्नई में इतना हाई प्राइस है तो बाकी शहरों को भी झकझोर देगा।
    पर ध्यान रखो, अटकलें मत लगाओ, मार्केट में सफ़र लम्बा है।
    अभी साइड में थोड़ा धीरज रखो और सही एंट्री टाइम देखो।

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