केंद्रीय मंत्री ने UPSC अध्यक्ष को पत्र लिखकर लेटरल एंट्री विज्ञापन रद्द करने की अपील की
अग॰, 20 2024लेटरल एंट्री विज्ञापन और केंद्रीय मंत्री का पत्र
केंद्रीय कर्मचारी मामलों के राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह ने हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने एक लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने की अपील की है। यह विज्ञापन केंद्रीय सरकार के विभिन्न पदों पर लेटरल एंट्री के माध्यम से उम्मीदवारों की भर्ती के लिए प्रकाशित किया गया था।
प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग
मंत्री जितेंद्र सिंह का यह पत्र तब आया जब चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर कुछ सवाल उठाए गए। जिसमें यह चिंता व्यक्त की गई कि चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार का पक्षपात या खामियां हो सकती हैं। मंत्री ने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि ऐसे मामलों में गहन जांच और निरीक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए तांकि किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो।
भविष्य के लिए सख्त कदमों की आवश्यकता
पत्र में UPSC अध्यक्ष से अनुरोध किया गया है कि वे इस बात की पुष्टि करें कि भविष्य में ऐसे विज्ञापनों में कोई भी संभावित पक्षपात या खामियां न हों। इसके लिए सख्त मानकों को अपनाने और नियमित निगरानी की महत्वता पर जोर दिया गया है। मंत्री का यह कदम यह दर्शाता है कि सरकार सार्वजनिक सेवा भर्ती प्रक्रियाओं की अखंडता को बनाए रखने के प्रति कितनी गंभीर है।
निष्पक्षता और योग्यता का महत्व
इस लेटरल एंट्री के विज्ञापन के रद्द करने का निर्णय यह दर्शाता है कि सरकार निष्पक्षता और योग्यता के मापदंडों पर कोई समझौता नहीं करेगी। पत्र में यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी नियुक्तियों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे और कोई भी व्यक्ति या समूह लाभान्वित न हो सके।
भविष्य की तैयारियां
UPSC के अध्यक्ष से यह उम्मीद की जा रही है कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएंगे। इसके साथ ही, केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इसके लिए प्रणाली की पुनरावृत्ति और पुनरवलोकन किया जाना चाहिए। जिससे कि ऐसी शिकायतें फिर से न उठें।
सरकार की प्रतिबद्धता
इस पूरी घटना ने सरकार की प्रतिबद्धता को और भी मजबूत किया है कि वह सार्वजनिक सेवा भर्ती प्रणालियों की निष्पक्षता और पारदर्शिता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री जितेंद्र सिंह के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि इस प्रकार की प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी नियुक्तियों में नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
आगे चलकर, यह देखना होगा कि UPSC और अन्य संबंधित संस्थाएं इस दिशा में क्या कदम उठाती हैं और किस प्रकार से अपनी प्रणालियों को अद्यतित करती हैं ताकि ऐसी समस्याएं भविष्य में न आएं।