यूआईडीएआई क्या है? भारत में आधार, डिजिटल पहचान और सरकारी सेवाओं का आधार
यूआईडीएआई, यानी यूनिवर्सल आइडेंटिटी ऑथरिटी ऑफ इंडिया, भारत सरकार द्वारा स्थापित एक राष्ट्रीय डिजिटल पहचान एजेंसी जो भारतीय नागरिकों के लिए अद्वितीय आधार संख्या जारी करती है. इसे आमतौर पर आधार के नाम से जाना जाता है, और यह अब भारत के हर घर की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।
यूआईडीएआई सिर्फ एक कार्ड नहीं है — यह एक बड़ा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है जो आपकी पहचान को एक अद्वितीय 12 अंकों की संख्या से जोड़ता है। यह संख्या आपके जीवन के हर पहलू में आती है: बैंक खाता खोलने से लेकर लॉटरी जीतने तक, बिजली बिल भुगतान से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने तक। आधार कार्ड, यूआईडीएआई द्वारा जारी एक डिजिटल पहचान प्रमाण पत्र जो आपकी जैविक जानकारी (अंगूठे की निशान और आईरिस) के आधार पर बनाया जाता है, अब किसी भी सरकारी या निजी सेवा के लिए अनिवार्य है। इसके बिना, आपको लाभ नहीं मिलते — चाहे वो लPG सिलेंडर हो या फिर राशन।
यूआईडीएआई के बिना आज का भारत अधूरा है। आधार, एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो भ्रष्टाचार को कम करता है और सीधे लाभ तक पहुँच बनाता है। जब आपको बीमा या बैंक लोन मिलता है, तो आधार आपकी पहचान की पुष्टि करता है। जब आपको सरकारी योजना का फंड मिलता है, तो यह आधार के जरिए सीधे आपके बैंक खाते में जाता है — किसी बीच के दलाल के बिना। डिजिटल पहचान, एक ऐसा टूल है जो भारत के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में समान अधिकार देता है। यह उन लोगों के लिए जीवन बदल देता है जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं था — एक महिला जो अपने नाम से बैंक खाता खोलना चाहती है, एक बुजुर्ग जो पेंशन पाना चाहता है, या एक छात्र जो छात्रवृत्ति लेना चाहता है।
यहाँ आपको ऐसे ही कई असली कहानियाँ मिलेंगी — जहाँ आधार ने जीवन बदल दिया। यूआईडीएआई के जरिए कैसे लॉटरी जीते गए, किस तरह बैंक छुट्टियों के समय आधार से भुगतान हुए, या कैसे छात्रवृत्ति योजनाओं में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है — ये सब आपको इस पेज पर मिलेंगे। ये सिर्फ समाचार नहीं, बल्कि आपके अपने जीवन की तरह जुड़ी हुई घटनाएँ हैं।