
Nirmala Sitharaman – राजनीति, बजट और आर्थिक दिशा के प्रमुख चेहरा
जब बात Nirmala Sitharaman, भारत की वित्त मंत्री, आर्थिक नीति और बजट की प्रमुख जिम्मेदार. Also known as निर्मला सीतारामण, she steering the country's fiscal ship amidst global volatility and domestic challenges. बजट, वार्षिक वित्तीय योजना जो खर्च और राजस्व को तय करती है और GST, वस्तु एवं सेवा कर, जो कर संरचना को सरल बनाता है इनके माध्यम से वह आर्थिक स्थिरता, निवेश बढ़ावा और महंगाई पर नियंत्रण का लक्ष्य रखती हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025 में GST 2.0 का लॉन्च सीधी कीमत कटौती लाने का वादा करता है, जिससे मध्यम वर्ग के 140 करोड़ लोगों को फायदा होगा. यह सुधार अर्थव्यवस्था, देश का समग्र आर्थिक तंत्र, जिसमें उत्पादन, उपभोग और निवेश शामिल हैं को तेज़ी से गति देगा। Nirmala Sitharaman का मानना है कि कर‑रिलैक्स और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल दोनों ही राजस्व बढ़ाने और कर चोरी कम करने में मदद करेगा।
मुख्य पहल और वर्तमान परिप्रेक्ष्य
उन्हें अक्सर "वित्तीय सशक्तिकरण" शब्द से जोड़ा जाता है। 2024‑25 के बजट में उन्होंने बुनियादी ढाँचे के लिए ₹12 ट्रिलियन की योजना पेश की, जिसमें सड़क, रेल और ऊर्जा के बड़े‑बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। यही नहीं, उन्होंने स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहन देने के लिए एंजेल टैक्स रेवेनेऊ में छूट दी, जिससे युवा उद्यमियों को फंडिंग मिलने में आसानी होगी। इन पहलों का सीधा असर निवेशकों के भरोसे पर पड़ता है, और भारत को वैश्विक स्थिरता रेटिंग में ऊपर ले जाने में मदद मिलती है।
राजनीतिक स्तर पर, Nirmala Sitharaman का कार्यकाल कई बड़े चुनौतियों से जुड़ा है। 2023 के कर्नाटक चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन में गिरावट के बाद, वित्त मंत्री ने राज्य‑स्तरीय आर्थिक योजनाओं को स्थानीय नेताओं के साथ समन्वयित किया, ताकि फंड आवंटन में पारदर्शिता बनी रहे। इसी समय, ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमतों में उतार‑चढ़ाव ने विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव डाला, जिससे रिज़र्व बैंक को अद्यतन मौद्रिक नीति अपनानी पड़ी। ये सब दिखाता है कि वित्त मंत्री को आर्थिक संकेतकों और राजनीतिक भावना दोनों का बारीकी से आकलन करना पड़ता है।
एक और उल्लेखनीय कदम है महिला उद्यमिता के लिए विशेष फंड का सृजन। Azim Premji Scholarship 2025 की घोषणा के साथ, Nirmala Sitharaman ने सरकार‑संबंधित शैक्षिक सहायता को बढ़ाया, जिससे राज्य‑स्तरीय महिला शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा मिला। यह पहल न सिर्फ सामाजिक समानता को बढ़ावा देती है, बल्कि लंबी अवधि में श्रम बाजार की दक्षता को भी सुधरती है।
इन सभी उपायों का एक सामान्य लक्ष्य है: वित्तीय नीतियों को साधारण नागरिकों तक पहुँचाना, ताकि वे रोज़मर्रा की आर्थिक चुनौतियों से लड़ सकें। उदाहरण के तौर पर, GST 2.0 के तहत 99% दैनिक उपयोग वस्तुओं पर कर कटौती का अनुमान लगाया गया है, जिससे आम आदमी की जेब में सीधे बचत आती है। साथ ही, बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास पर खर्च बढ़ाकर सरकार सामाजिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ा रही है।
जब आप नीचे दी गई लेख सूची में झाँकते हैं, तो आपको न केवल वित्तीय आंकड़े बल्कि राजनीतिक व सामाजिक पहलुओं की भी विस्तृत कवरेज मिलेगी। यहाँ आप पढ़ेंगे कि कैसे Nirmala Sitharaman ने मौजूदा आर्थिक मुद्दों का समाधान किया, कौन‑से नई नीतियां लागू हुईं, और उनका असर आम जनता पर कब और कैसे पड़ेगा। चाहे आप निवेशक हों, छात्र हों या सामान्य नागरिक, यह संग्रह आपको एक साफ़ परिप्रेक्ष्य देगा।
तो चलिए, आगे बढ़ते हैं और इन लेखों में दर्शाए गये विश्लेषण, आंकड़े और वास्तविक केस स्टडीज़ को देखें, ताकि आप बेहतर समझ सकें कि भारत की वित्तीय दिशा पर Nirmala Sitharaman का कौन‑सा प्रभाव है।
