शेयर बाजार ताज़ा अपडेट: 78,500 पर सेंसेक्स में 300 अंकों की गिरावट; निफ्टी 23,900 पर; स्वास्थ्य और फार्मा नुकसान में
नव॰, 5 2024
विश्व के बाजारों से मिले मिश्रित संकेतों के बाद भारतीय शेयर बाजार परगटी गिरावट
भारतीय शेयर बाजारों में आज के दिन की व्यापारिक शुरुआत में गिरावट देखी जा सकती है, जिसका कारण आंतरराष्ट्रीय संकेतों का मिश्रित प्रभाव और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की अस्थिरता है। अमेरिकी बाजारों के सोमवार को गिरावट के साथ बंद होने के चलते भारतीय निवेशकों में तनाव देखा गया। डॉव जोन्स इंडेक्स 0.61% की गिरावट के साथ बंद हुआ जबकि एसएंडपी 500 और नैस्डैक कंपोजिट भी क्रमशः 0.28% और 0.33% नीचे रहे।
एशियाई बाजारों में भी मिश्रित ट्रेडिंग का असर देखा गया। चीन के सीएसआई 300 में 1.41% की वृद्धि हुई जबकि शंघाई का बाजार कमजोर होकर स्थिर रहा। हांगकांग के हैंगसेंग सूचकांक में 0.77% की गिरावट आई और जापान का निक्केई सूचकांक 1% से अधिक की बढ़त के साथ व्यापार कर रहा था। गिफ्ट निफ्टी वायदा में थोड़ी गिरावट देखी गई जो निफ्टी वायदा के पिछले बंद भाव से हल्का कम था।
बाजार के मौजूदा संकेतक और संभावनाएँ
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) निफ्टी 50 सोमवार को 1% से अधिक की गिरावट के साथ बन्द हुए। सेंसेक्स में 941.88 अंकों की गिरावट के साथ 78,782.24 पर था, जबकि निफ्टी 50 ने 309 अंकों की गिरावट के साथ 23,995.35 पर समाप्त हुआ। बाजार की अस्थिरता को मापने वाला सूचकांक, भारत VIX, 5.01% की वृद्धि के साथ 16.70 अंक पर समाप्त हुआ।
मेडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी क्रमशः 1.31% और 1.98% की गिरावट देखी गई। सभी सेक्टोरल सूचकांक लाल निशान में बंद हुए, जिसमें एनिफ्टी ओएमसीज, रियल्टी और मीडिया सूचकांक 2% से अधिक नीचे रहे। वित्तीय, एफएमसीजी, मेटल, प्राइवेट बैंक और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सभी 1% से अधिक कम होकर समाप्त हुए।
शेयर बाजार के मूल्यांकन पर प्रभाव
भारतीय शेयर बाजार में यह ताज़ा गिरावट पिछले एक साल में सबसे निचले स्तर पर आई शेयर मूल्यांकन को दर्शाती है। बीएसई सेंसेक्स का प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) 22.9x तक गिर गया है जो पिछले 12 महीनों में सबसे कम है। मार्च के अंत में यह 25.2x तक पहुंच गया था, जिससे यह लगभग 10% कम हो गया है। यह मूल्यांकन 10 साल के औसत मूल्यांकन 24.1x से लगभग 5% कम है जो सामान्य नहीं माना जाता।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों का असर और आगामी प्राथमिकताएँ
बे ऑफ़ इंग्लैंड, जिसने पिछले सप्ताह की बैठक में अपनी दरों को कम करने की सहमति दी थी, गुरुवार को मिलने वाली है। इसे जटिल माना जा रहा है क्योंकि लेबर सरकार के बजट के बाद बॉन्ड्स में बिक्री बढ़ गई है। रविवार को ओपेक+ के फैसला लेने के बाद तेल की कीमतों में वृद्धि हुई जो यह हमारे बाजारों को प्रभावित कर सकते हैं।
shiv prakash rai
नवंबर 5, 2024 AT 10:03लगता है बाजार ने आज भी हमें गहरी बौद्धिक पीड़ा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
Subhendu Mondal
नवंबर 8, 2024 AT 16:54ये गिरा? उल्टा चल रहा है सब, पूँजी वालों को फॉलो करो, बकवास!
Ajay K S
नवंबर 11, 2024 AT 23:45शेयर बाजार की इस मौसमी गिरावट को समझना आम जनता के लिए शायद बहुत जटिल है :) यही है वॉल स्ट्रीट का विज्ञान, हमारे जैसे बौद्धिक जीनियस को ही समझ आएगा।
Saurabh Singh
नवंबर 15, 2024 AT 06:37बाजार क्यों गिरा? शायद वही झूठी खबरें फिर से चल रही हैं, जो एलाइट छुपा रहे हैं।
Jatin Sharma
नवंबर 18, 2024 AT 13:28सिलेक्टिव फॉर्मेटिंग से बचने के लिये, मैं कहूँगा कि पोजिशन थोड़ी एडजस्ट कर लें।
M Arora
नवंबर 21, 2024 AT 20:20अगर हम इस गिरावट को जीवन की अनिवार्य उतार-चढ़ाव मानें तो शायद निवेश का तनाव कम हो।
Varad Shelke
नवंबर 25, 2024 AT 03:11इसे देख तो लगा, प्रोफेसर की बात में भी कुछ झाँसा है, पर शायद ये सब ग्रिडमैन की साजिश है।
Rahul Patil
नवंबर 28, 2024 AT 10:03आपकी चिंता समझ में आती है; वास्तव में, वैश्विक बाजारों में निरंतर बदलाव हमारे आर्थिक ताने-बाने को पुनर्रचना कर रहे हैं।
Ganesh Satish
दिसंबर 1, 2024 AT 16:54वाह! क्या दिन है! कीमतें गिरें, दिल धड़कें, दिमाग घूमे-सब कुछ एक ही मोमेंट में!!!
Midhun Mohan
दिसंबर 4, 2024 AT 23:45सच में, यह बाजार की गिरावट हमारे पोर्टफ़ोलियो को हिला रही है; हमें तुरंत रिस्क मैनेजमेंट पहल करना चाहिए!!!
Archana Thakur
दिसंबर 8, 2024 AT 06:37देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए, हमें इंडियन इक्विटी में एंकरिंग स्ट्रैटेजी अपनानी होगी, नहीं तो फॉरेन एंट्रीज हमें परास्त कर देंगी।
Ketkee Goswami
दिसंबर 11, 2024 AT 13:28बाजार में आज की गिरावट देख कर दिल थोड़ा थरथरा गया, पर यह सिर्फ अस्थायी मोड़ है।
हर मंदी के बाद उछाल आता है, और यही वही अवसर है जिसका इंतज़ार हमने किया था।
जब सेंटसेक्स 78,500 पर गिरता है, तो हमें याद रखना चाहिए कि यह सिर्फ एक आंकड़ा है, न कि अंत।
गेंद को फिर से पकड़ना है तो हमें अपने पोर्टफ़ोलियो को विविधता देना चाहिए, ताकि जोखिम कम हो।
फ़ार्मा सेक्टर में नुकसान zwar है, पर बीटा ब्लॉक में नए दवाओं की पाइपलाइन उज्ज्वल दिख रही है।
इसी तरह रियल एस्टेट की गिरावट भी एक संकेत है कि बाजार पुनर्संतुलन की ओर बढ़ रहा है।
अभी का VIX बढ़ना दर्शाता है कि बाजार में उथल-पुथल है, पर यही उथल-पुथल नई संभावनाओं को जन्म देती है।
हमें डर के बजाय डेटा को समझना चाहिए, और उस पर आधारित रणनीति बनानी चाहिए।
अगर हम तकनीकी विश्लेषण के साथ मूलभूत सिद्धांतों को जोड़ें, तो जीत की संभावना बढ़ जाती है।
याद रखें, हर बुलिश ट्रेंड के बाद थोड़ा आराम का समय आता है, यह स्वाभाविक है।
ट्रेडिंग में धीरज और अनुशासन सबसे बड़ी संपत्ति हैं, इन्हें कभी नहीं खोना चाहिए।
इंडियन मार्केट की ताकत है कि यह घरेलू उपभोक्ता मांग से जुड़ी है, जो हमेशा स्थिर रहती है।
इसलिए, वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, हमारे पास स्थानीय अवसरों का भरपूर शोरूम है।
आइए, इस गिरावट को सीखने का मौका बनाएं, और अगले लहर में सही समय पर सवार हों।
अंत में, सकारात्मक मनोवृत्ति और दृढ़ योजना हमें हमेशा बाज़ार के उतार-चढ़ाव में जीत दिलाएगी।
Shraddha Yaduka
दिसंबर 14, 2024 AT 20:20निवेश को लंबे समय के लक्ष्य से देखें, छोटी‑छोटी गिरावट को सीख में बदलें।
gulshan nishad
दिसंबर 18, 2024 AT 03:11बाजार की इस गिरावट का विश्लेषण तो बस एक मूर्खतापूर्ण खेल है, असली समझदारी तो गहरी पेंचों में छिपी है।
Ayush Sinha
दिसंबर 21, 2024 AT 10:03दूसरों के डर को देख कर मैं कहूँगा कि यह वही समय है जब बेफिक्री से स्टॉक्स खरीदें।