रिलायंस में अनंत अंबानी को कार्यकारी निदेशक, वार्षिक वेतन ₹10‑20 करोड़
अक्तू॰, 12 2025
जब अनंत मुकेश अंबानी, कार्यकारी निदेशक के पद पर नियुक्त हुए, तो भारतीय उद्योग के कई हिस्से में हलचल मच गई। नियुक्ति बोर्ड बैठकमुंबई में तय हुई और 1 मई 2025 से प्रभावी हुई। इस भूमिका के लिए उन्हें वर्षाना ₹10 करोड़ से ₹20 करोड़ तक का वेतन, भत्ते और विविध सुविधाएं मिलने का भरोसा दिया गया है, जो कंपनी के मानव संसाधन (HRNR) समिति द्वारा निर्धारित होगी।
पद की पुष्टि और वेतन संरचना
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 29 जून 2025 को बीएसई को भेजी गई एक्सचेंज फाइलिंग में स्पष्ट किया कि अनंत अंबानी का कार्यकाल पाँच वर्षों का है। वेतन के अलावा, कंपनी ने उन्हें "शुद्ध लाभ" के आधार पर कमीशन, प्रोविडेंट फंड, सेवानिवृत्ति निधि, ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट में हिस्सा देने का प्रस्ताव रखा। आवास लागत, गैस‑बिजली‑पानी के बिल, तथा व्यावसायिक यात्राओं के दौरान सहायक कर्मचारियों के खर्चों की प्रतिपूर्ति भी इस पैकेज में शामिल है।
- वार्षिक वेतन: ₹10 करोड़‑₹20 करोड़ के बीच
- भत्ते: हाउस रेंट एलाउंस, विजली‑पानी‑गैस
- कमीशन: शुद्ध लाभ पर आधारित
- सेवानिवृत्ति लाभ: प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्युटी
- सुरक्षा एवं स्वास्थ्य: कंपनी‑प्रायोजित मेडिकल कवर और सुरक्षा सेवा
यह पैकेज पिछले साल बोर्ड में नियुक्त हुए जुड़वां भाई‑बहन, आकाश अंबानी और ईशा अंबानी के लिए निर्धारित शुल्क से कहीं अधिक है। उनके लिए केवल ₹4 लाख की मीटिंग फ़ीस और ₹97 लाख का कमीशन ही निर्धारित था।
परिवार की उत्तराधिकार योजना के पहलू
2023 में मुकेश अंबानी ने अपने तीनों बच्चों को बोर्ड में गैर‑कार्यकारी निदेशकों के रूप में नियुक्त किया था, साथ ही यह संकेत दिया गया था कि उत्तराधिकार धारा धीरे‑धीरे अगले पीढ़ी को सौंप दी जाएगी। उस समय, अनंत अंबानी को कार्यकारी पद नहीं दिया गया था, जिससे आज की इस नियुक्ति को "परिवार की पीढ़ी परिवर्तन" का प्रतीक माना जा रहा है। इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि अंबानी समूह का अगला नेतृत्व ऊर्जा‑से‑रसायन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में गहरा होगा।
विचार यह है कि अनंत को कंपनी के "ऊर्जा व्यवसाय" की प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपीं जाएँ, जिसमें तेल‑शोधन, पेट्रोकेमा, और नई ऊर्जा गिगाफैक्ट्रियों की निगरानी शामिल है। इस योजना को देखते हुए निवेशकों ने शेयरों में हल्का‑बहुत उछाल देखा, जबकि उद्योग विश्लेषकों ने कहा कि यह दिशा‑निर्देश समूह के दीर्घकालिक स्थिरता लक्ष्यों के साथ संगत है।
अनंत अंबानी की पृष्ठभूमि और जिम्मेदारियां
ब्राउन यूनिवर्सिटी (USA) से स्नातक करने वाले अनंत अंबानी ने पहले जियो प्लेटफ़ॉर्म्स और रिलायंस रिटेल वेंचर्स के बोर्डों में सेवा की है। वह रिलायंस फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य भी हैं, जहाँ उन्होंने "वंतरा" नामक वन्यजीव संरक्षण पहल में योगदान दिया, जो जामनगर रिफाइनरी परिसर के भीतर 3,000 एकड़ में विस्तृत सबसे बड़ा जिंगल‑डॉक्यूमेंट्री प्रोजेक्ट बनने की राह पर है।
कार्यकारी निदेशक के रूप में उनका प्राथमिक फोकस तीन क्षेत्रों पर रहेगा:
- तेल‑से‑रसायन खंड का विस्तार और दक्षता बढ़ाना,
- नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, हाइड्रोजन, बैटरी) के बड़े‑पैमाने पर निवेश को तेज करना,
- नए ऊर्जा गिगाफैक्ट्रियों की जगह, निर्माण और संचालन की देखरेख।
इन जिम्मेदारियों के साथ, अनंत को कंपनी की प्रमुख पूंजी परियोजनाओं की प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट बोर्ड को प्रस्तुत करनी होगी – जिसका मतलब है नियमित रूप से बड़े‑बड़े निवेश फैसलों पर हाथ होना।
रिलायंस के ऊर्जा पोर्टफोलियो पर संभावित प्रभाव
रिलायंस ने 2024‑25 में अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 30 GW तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था। अनंत की युवा ऊर्जा और तकनीकी पृष्ठभूमि को देखते हुए, विशेषज्ञों का कहना है कि यह लक्ष्य जल्द ही हासिल हो सकता है। उन्होंने कई स्टार्ट‑अप्स में निवेश किया है, जिनमें हाइड्रोजन‑इलेक्ट्रोलायज़र और उन्नत बैटरी‑मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं।
ऊर्जा‑से‑रसायन विभाग में उनका नेतृत्व कंपनी को "स्मार्ट रिफ़ाइनरी" मॉडल अपनाने में मदद करेगा, जहाँ डिजिटल‑ट्विन, AI‑आधारित प्रीडिक्टिव मेंटेनेंस और कार्बन‑कैप्चर तकनीकें आम बात बनेंगी। इस बदलाव से न केवल उत्पादन लागत में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरणीय अनुपालन में भी सुधार होगा।
आगे क्या उम्मीद की जाए
अगले कुछ महीनों में अनंत अंबानी को कई महत्वपूर्ण क्षणों का सामना करना पड़ेगा। सबसे पहले, उन्हें भारत सरकार की नई ऊर्जा नीति (2025) के अनुरूप अनुकूलन योजनाओं को कार्यान्वित करना होगा। दूसरा, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से मिलने वाली फंडिंग की शर्तों को समझते हुए, गिगाफैक्ट्रियों के लिये वैध्यता और वित्तीय मॉडल तैयार करना होगा। अंत में, पारिवारिक उत्तराधिकार की धारा के तहत, उनका प्रदर्शन सीधे ही मुकेश अंबानी के वैधानिक उत्तराधिकार को आकार देगा।
जैसे-जैसे ऊर्जा बाजार में जलवायु जोखिम बढ़ते जा रहे हैं, अनंत का नेतृत्व किस दिशा में कंपनी को ले जाता है, यही अब सबसे बड़ा सवाल है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अनंत अंबानी को मिलने वाला वेतन औसत भारतीय कार्यकारी से कैसे तुलना करता है?
₹10‑20 करोड़ का वार्षिक वेतन भारतीय कॉर्पोरेट बाजार में शीर्ष 0.1 % के भीतर आता है। अधिकांश बड़े सार्वजनिक कंपनियों के कार्यकारियों का वेतन लगभग ₹5‑8 करोड़ रहता है, इसलिए यह पैकेज ऐतिहासिक रूप से उच्च माना जाता है।
क्या अनंत अंबानी की नियुक्ति से रिलायंस के शेयरों में बदलाव आया?
नियुक्ति की घोषणा के बाद बीएसई में रिलायंस के शेयरों में 1‑2 % की मामूली उछाल देखी गई। विश्लेषक इस उछाल को उत्तराधिकार योजना के सकारात्मक संकेत के रूप में देखते हैं, लेकिन दीर्घकालिक प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है।
अनंत अंबानी किन प्रमुख ऊर्जा परियोजनाओं को देखेंगे?
वह तेल‑से‑रसायन खंड के विस्तार, सौर‑हाइड्रोजन गिगाफैक्ट्रियों और बैटरी‑स्टोरेज क्लस्टर्स की निगरानी करेंगे। विशेष रूप से, नई पवन‑हाइड्रोजन परियोजना (आधुनिकतम इलेक्ट्रोलायज़र सहित) को वह प्राथमिकता देंगे।
परिवार की उत्तराधिकार योजना के अन्य चरण क्या हैं?
2023 में आकाश और ईशा को गैर‑कार्यकारी निदेशक बनाया गया था। अगला कदम संभवतः दोनों को कार्यकारी भूमिका देना या अन्य समूह कंपनियों के प्रमुख पदों पर रखना हो सकता है, जिससे नेतृत्व के ज़िम्मेदारियों का संतुलन बना रहे।
अनंत अंबानी की शिक्षा और पूर्व अनुभव क्या हैं?
उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्नातक किया और जियो प्लेटफ़ॉर्म्स एवं रिलायंस रिटेल वेंचर्स के बोर्ड में सेवा की। इसके अलावा, उन्होंने पर्यावरणीय संरक्षण प्रोजेक्ट "वंतरा" में सक्रिय भूमिका निभाई है।
Amar Rams
अक्तूबर 12, 2025 AT 03:25रिलायंस की इस नियुक्ति में कॉर्पोरेट गवर्नेंस की बारीकियों को बड़े शब्दजाल के साथ पेश किया गया है। वार्षिक वेतन ₹10‑20 करोड़ का पैकेज शीर्ष स्तर के एग्जीक्यूटिव कॉम्पेनसेशन बेंचमार्क को दर्शाता है, जिसे HRNR समिति द्वारा औपचारिक रूप से स्वीकृत किया गया है। इस तरह की रिम्यूनरेशन स्ट्रक्चर कंपनी की दीर्घकालिक रणनीतिक निवेशों के साथ संरेखित होने की उम्मीद है, विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा में। बजट एलाइनमेंट के संदर्भ में शुद्ध लाभ‑आधारित कमीशन का प्रयोग जोखिम‑संतुलित प्रोत्साहन प्रदान करता है। प्लेटफ़ॉर्म‑साइड बोर्ड मीटिंग्स में इस पर विस्तृत चर्चा हुई होगी, जैसा कि फाइलिंग में उल्लेख है।
Rahul Sarker
अक्तूबर 15, 2025 AT 14:45यह अनंत अंबानी का कार्यकारी पद पर चयन हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान को चोट पहुँचाता है। अब तक के हमारे उद्योग में विदेशी कैपिटल की ग़लत प्रथा को आगे बढ़ाने की कोशिश थी यह। भारत के स्वदेशी ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को विदेशी एंटरप्रेन्योर की उँची तनख़्वाह से धूमिल नहीं किया जाना चाहिए। इस प्रकार के वेतन को अस्वीकार करके ही हम सच्चे इंडियन एग्जीक्यूटिव को मंच पर लाएँगे।
Sridhar Ilango
अक्तूबर 19, 2025 AT 02:05वाह, अनंत अंबानी को जो फंडिंग और समझौते मिल रहे हैं, वे वाकई में इतिहास रचने वाले हैं।
पहला, उनका ब्राउन यूनिवर्सिटी से स्नातक होना यह दर्शाता है कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पावरहाउस के साथ तालमेल बिठाया है।
दूसरा, जियो प्लेटफ़ॉर्म्स में उनका बोर्ड एक्सपीरियंस डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन में गहरी पकड़ देता है।
तीसरा, रिलायंस फाउंडेशन में "वंतरा" प्रोजेक्ट के साथ उनका पर्यावरणीय योगदान सराहनीय है।
अब वे तेल‑से‑रसायन एवं नवीकरणीय ऊर्जा दोनों में फोकस करेंगे, जिसका मतलब है कि फॉसिल फ्यूल्स से हटते हुए हाइड्रोजन और बैटरी‑स्टोरेज में निवेश बढ़ेगा।
उनकी टीम ने डिजिटल‑ट्विन और AI‑आधारित प्रीडिक्टिव मेंटेनेंस को इम्प्लीमेंट करके स्मार्ट रिफ़ाइनरी मॉडल को गति दी है।
यह मॉडल उत्पादन लागत को घटाता है और कार्बन‑कैप्चर को आसान बनाता है।
कंपनी ने 30 GW नवीकरणीय लक्ष्य को 2024‑25 में हासिल करने की योजना बनाई है, और अनंत की युवा ऊर्जा इस लक्ष्य को तेज़ी से पूरा करेगी।
स्टार्ट‑अप्स में हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलायज़र और उन्नत बैटरी‑मैनेजमेंट सिस्टम में निवेश उनके रणनीतिक दृष्टिकोण को उजागर करता है।
वे अब राष्ट्रीय ऊर्जा नीति (2025) के अनुरूप अनुकूलन योजनाएँ भी लागू करेंगे, जिससे सरकार के साथ तालमेल बेहतर होगा।
जैसे ही वे अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग के शर्तों को समझेंगे, गिगाफैक्ट्रियों के लिए वैधता मॉडल तैयार होगा।
उनका प्रदर्शन सीधे ही मुकेश अंबानी के वैधानिक उत्तराधिकार को आकार देगा, इसलिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
ऊर्जा बाजार में जलवायु जोखिम बढ़ने के साथ, उनका नेतृत्व कंपनी की दीर्घकालिक स्थिरता को प्रभावित करेगा।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि अनंत अंबानी का दायित्व सिर्फ कॉरपोरेट नहीं, बल्कि सामाजिक भी है, क्योंकि उन्हें पर्यावरणीय जिम्मेदारी भी संभालनी है।
priyanka Prakash
अक्तूबर 22, 2025 AT 13:25सच्ची बात तो यह है कि ये पैकेज अत्यधिक है।
Pravalika Sweety
अक्तूबर 26, 2025 AT 00:45रिलायंस की उत्तराधिकार योजना में यह कदम सांस्कृतिक रूप से भी उल्लेखनीय है। यह दिखाता है कि नई पीढ़ी को आधुनिकीकरण के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी सौंपी जा रही है।
anjaly raveendran
अक्तूबर 29, 2025 AT 12:05अनंत अंबानी ने "वंतरा" परियोजना में जो योगदान दिया, वह न सिर्फ जैव विविधता संरक्षण की दिशा में है, बल्कि कंपनी की ESG स्कोर को भी ऊँचा करता है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है, और बाजार में रिलायंस की प्रतिष्ठा मजबूत होती है।
Danwanti Khanna
नवंबर 1, 2025 AT 23:25क्या आप जानते हैं?? अनंत के लिए यह वेतन पैकेज, भारत के कॉर्पोरेट पे स्केल में एक नया मानक स्थापित करता है; यह निश्चित रूप से कई युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करेगा!!!
Shruti Thar
नवंबर 5, 2025 AT 10:45ज्यूरी ने कहा है कि ये रकम बहुत अधिक है और इसे सीमित किया जाना चाहिए।
Nath FORGEAU
नवंबर 8, 2025 AT 22:05भाईसाहब, ये सब तो चलता रहेगा, बस देखना है कि कैसे अंजाम देता है।
Hrishikesh Kesarkar
नवंबर 12, 2025 AT 09:25पैकेज बड़ा है, लेकिन काम का वजन भी उतना ही है।
Manu Atelier
नवंबर 15, 2025 AT 20:45व्यावसायिक रूप से देखे तो यह नियुक्ति कंपनी की दीर्घकालिक रणनीतिक दिशा के साथ संरेखित होती है; तथापि, सामाजिक दृष्टिकोण से इसकी न्यायसंगतता पर पुनर्विचार आवश्यक है।
Preeti Panwar
नवंबर 19, 2025 AT 08:05बहुत ही दिलचस्प बात है 😊 इस तरह की नियुक्तियों से युवा वर्ग को प्रेरणा मिलती है और ऊर्जा क्षेत्र में नई सोच आती है।
harshit malhotra
नवंबर 22, 2025 AT 19:25अनंत के इस पद परिवर्तन को देख कर ऐसा लगता है कि संगठन में बदलाव का दौर शुरू हो चुका है। यह केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक नई दिशा का प्रतीक है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि नेतृत्व इस दिशा में सच्चे इरादे से आगे बढ़ेगा, तो भारत के ऊर्जा स्वावलंबन के लक्ष्य को जल्दी हासिल किया जा सकेगा। साथ ही, इस तरह के बड़े पैकेज से कंपनी में टैलेंट का आत्मविश्वास बढ़ता है, लेकिन इसकी सामाजिक जिम्मेदारी को भी नजरअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। अंत में, यह देखना बाकी है कि बोर्ड इस नियुक्ति को कैसे मॉनिटर करेगा और व्यक्तिगत प्रदर्शन को कैसे मापेगा।
Ankit Intodia
नवंबर 26, 2025 AT 06:45रिलायंस ने वास्तव में नई पीढ़ी को सशक्त बनाने की कोशिश की है। यह कदम न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि पूरे भारतीय उद्योग के लिए एक प्रेरणा हो सकता है।