हार्दिक पंड्या ने 42 दिन बाद किया धमाकेदार कमबैक, 77* के साथ बरोड़ा को दिलाया जीत
दिस॰, 3 2025
32 साल के हार्दिक पंड्या ने 42 दिन की चोट के बाद ऐसा कमबैक किया, जिसने पूरे भारत के क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर दिया। शुक्रवार, 2 दिसंबर, 2025 को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए स्याद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 के मुकाबले में बरोड़ा और पंजाब के बीच, पंड्या ने बल्लेबाजी से एक ऐसा तूफान खड़ा किया कि दर्शकों के मुंह पर चौंकाने वाला अभिव्यक्ति छूट गई। वो अपनी पिछली बार शुक्रवार, 26 सितंबर, 2025 को कोलंबो में एशिया कप 2025 के सुपर-4 मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ खेल चुके थे, जहां उन्हें गंभीर चोट लगी थी। उनका रिहैबिलिटेशन बीसीसीआई के बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में हुआ, और अब वो वापस आ गए — और न सिर्फ वापस आए, बल्कि जीत भी दिला दी।
बॉलिंग में टक्कर, बल्लेबाजी में तूफान
मैच की शुरुआत में पंड्या को पहले गेंदबाजी का बोझ सौंपा गया। चार ओवर में 52 रन देकर एक विकेट (अनमोलप्रीत सिंह सिधू) लेना उनके लिए कोई बड़ी उपलब्धि नहीं थी। पंजाब के बल्लेबाजों ने उनके खिलाफ खुलकर आक्रमण किया — 7 चौके और 2 छक्के, जिनमें से अनमोलप्रीत ने केवल 5 गेंदों में 15 रन बनाए। पंजाब ने 222/8 का स्कोर बनाया। लेकिन ये सब बस प्रारंभिक नाटक था।
जब बरोड़ा का दूसरा विकेट 8वें ओवर की दूसरी गेंद पर गिरा (92/2), तो पंड्या नंबर 4 पर आया। और तब से शुरू हुआ वो जादू। 42 गेंदों में 77 अप्रून रन — एक स्ट्राइक रेट 183.33 के साथ। उन्होंने सिर्फ 7 चौके नहीं, बल्कि 4 छक्के भी मारे। और फिर वो पल… जब उन्होंने चार लगातार गेंदों पर छक्के मारे। जैसे कोई बारिश बंद हो गई हो, और फिर आकाश टूट पड़ा। उनके साथ शिवालक दिलीप शर्मा ने 38 रन बनाए, लेकिन जीत का श्रेय पूरी तरह पंड्या को गया।
जीत और जीवन बदलने वाला पल
बरोड़ा ने 223 का लक्ष्य 5 गेंदों बाकी रखकर 7 विकेट से चुरा लिया। पंड्या को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। लेकिन ये मैच सिर्फ एक घरेलू ट्रॉफी की जीत नहीं था। ये एक निर्णायक पल था — उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के लिए।
बीसीसीआई के नियम के अनुसार, कोई भी खिलाड़ी चोट के बाद अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए कम से कम दो घरेलू मैच खेलना अनिवार्य है। पंड्या ने अब एक खेल खेल लिया। दूसरा अगले हफ्ते आने वाला है। लेकिन इस मैच का प्रभाव इतना गहरा है कि अगला मैच बस फॉर्मैलिटी लगेगा।
भारत-दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज के लिए तैयारी
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज 9 दिसंबर, 2025 को शुरू होने वाली है। ये सीरीज भारतीय टीम के लिए वर्ल्ड कप 2026 की तैयारी का हिस्सा है। और इसमें हार्दिक पंड्या की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत की टीम का मध्यक्रम अक्सर अस्थिर रहता है। पंड्या की वापसी न केवल बल्लेबाजी में गहराई लाएगी, बल्कि गेंदबाजी में भी एक अनमोल संसाधन जोड़ेगी। उनके द्वारा बनाए गए आंकड़े — 77 रन बनाकर 42 गेंदों में — उनकी ताकत को दर्शाते हैं। और ये सिर्फ बल्लेबाजी नहीं, बल्कि उनकी शारीरिक स्थिति का भी संकेत है। जगरण की एक रिपोर्ट में एक अनाम विश्लेषक ने कहा, "हार्दिक पंड्या की वापसी का मतलब है कि टीम का संतुलन बना रहेगा — वो एक अच्छा बल्लेबाज हैं और एक अच्छा गेंदबाज भी।"
क्यों ये लड़ाई इतनी बड़ी है?
हार्दिक पंड्या केवल एक खिलाड़ी नहीं हैं। वो एक बाज़ीगर हैं। एक ऐसा खिलाड़ी जो दो भूमिकाओं में एक साथ जीत दिला सकता है। उनकी चोट के बाद भारतीय टीम को अपने मध्यक्रम में बहुत दिक्कत हुई। रोहित शर्मा और विराट कोहली के बाद कौन बल्लेबाजी करेगा? कौन आखिरी पांच ओवरों में गेंदबाजी करेगा? पंड्या के बिना ये सवाल अनुत्तरित रहे।
इस बार उन्होंने न सिर्फ जवाब दिया, बल्कि जवाब ऐसे दिया कि कोई और सवाल पूछने का मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि उनकी घुटने की चोट ठीक हो चुकी है। उनकी गति, उनका एक्सप्लोजन, उनकी गेंदबाजी की रफ्तार — सब कुछ पहले जैसा है। और अब वो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
अगला कदम क्या है?
अगले दो दिनों में बरोड़ा का अगला मैच है। उसमें भी पंड्या खेलेंगे। उसके बाद बीसीसीआई उन्हें टीम में शामिल करने के लिए तैयार हो जाएगा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टी20 9 दिसंबर को बेंगलुरु में होगा। और अगर आप उस मैच में पंड्या को खेलते देखें, तो याद रखिए — ये वो दिन था जब उन्होंने चार लगातार छक्के मारे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हार्दिक पंड्या की चोट किस मैच में हुई थी?
हार्दिक पंड्या की चोट 26 सितंबर, 2025 को कोलंबो में एशिया कप 2025 के सुपर-4 मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ खेलते समय हुई थी। इस चोट के कारण वो एशिया कप के फाइनल में नहीं खेल पाए थे और 42 दिनों तक बाहर रहे।
बीसीसीआई क्यों चाहता है कि वो दो घरेलू मैच खेलें?
बीसीसीआई के नियमानुसार, कोई भी खिलाड़ी गंभीर चोट के बाद अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी से पहले कम से कम दो घरेलू मैच खेलकर अपनी फिटनेस साबित करे। इससे टीम डॉक्टर्स को उनकी शारीरिक स्थिति का वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है।
पंड्या की बल्लेबाजी का स्ट्राइक रेट क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
183.33 का स्ट्राइक रेट उनकी बल्लेबाजी की तीव्रता को दर्शाता है। टी20 क्रिकेट में मध्यक्रम के लिए ऐसा रेट अत्यंत महत्वपूर्ण है — ये निर्णायक ओवरों में रन बनाने की क्षमता दर्शाता है। इस रेट के साथ, वो भारत के लिए एक अनमोल संसाधन हैं।
पंड्या की वापसी भारतीय टीम के लिए क्यों इतनी जरूरी है?
भारतीय टीम के मध्यक्रम में बल्लेबाजी और गेंदबाजी का संतुलन अक्सर टूटता है। पंड्या एकमात्र खिलाड़ी हैं जो दोनों भूमिकाएं एक साथ निभा सकते हैं। उनकी वापसी से टीम की लचीलापन बढ़ेगा और आखिरी ओवरों में रन बनाने की क्षमता बढ़ेगी।
क्या उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम में शामिल किया जाएगा?
हां, लगभग निश्चित है। उनकी बल्लेबाजी की ताकत, गेंदबाजी की रफ्तार और फिटनेस का संकेत बीसीसीआई के चयनकर्ताओं को उन्हें टीम में शामिल करने के लिए प्रेरित कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि वो टीम का सबसे महत्वपूर्ण बदलाव होंगे।
हार्दिक पंड्या के चार लगातार छक्के किस ओवर में लगे?
सटीक ओवर का नाम रिपोर्ट में नहीं दिया गया, लेकिन ये चार छक्के उनके 77 रनों के इनिंग्स के बीच में लगे, जब पंजाब के गेंदबाज उन्हें बोल्ड बाउंड्री बाउंसर्स से डराने की कोशिश कर रहे थे। इस अवधि में उन्होंने गेंद को बाहर की ओर निकाल दिया — जैसे कोई आकाश को छूने की कोशिश कर रहा हो।
ankur Rawat
दिसंबर 5, 2025 AT 08:13ये वापसी देखकर लगा जैसे बारिश के बाद आसमान में इंद्रधनुष निकल गया हो। हार्दिक ने न सिर्फ अपना घुटना ठीक किया बल्कि पूरे टीम के दिल भी ठीक कर दिए। चार लगातार छक्के? ये तो कोई खेल नहीं बल्कि एक भावनात्मक विस्फोट था।
Vraj Shah
दिसंबर 6, 2025 AT 18:13भाई ये तो जानवर है ना। चोट के बाद ऐसा कमबैक कर दिया। अब तो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बस इंतजार है। वो बस आ जाए तो टीम जीत जाएगी।
Kumar Deepak
दिसंबर 6, 2025 AT 22:12अरे भाई, एक खिलाड़ी के लिए चोट के बाद वापसी तो होती ही है, लेकिन चार लगातार छक्के? ये तो बीसीसीआई के नियमों को भी धक्का दे रहा है। शायद अब नियम बदलने पड़ेंगे - वापसी के लिए दो मैच नहीं, चार छक्के चाहिए।
Ganesh Dhenu
दिसंबर 8, 2025 AT 13:35इंग्लैंड के खिलाफ जब भी बल्लेबाजी करता है तो वही तरीका। आज भी वही शांति, वही धीमी शुरुआत, फिर अचानक बारिश। बस ये देखो कि अब वो कौन से गेंदबाजों को बेचारा बनाता है।
Yogananda C G
दिसंबर 8, 2025 AT 22:51ये तो बस शुरुआत है, दोस्तों, ये एक ऐसा पल है जिसे हम अपनी जिंदगी में याद रखेंगे, जब कोई खिलाड़ी न सिर्फ अपने शरीर को बचाया बल्कि एक पूरी टीम के भविष्य को भी बचा लिया, जब बल्लेबाजी का दबाव बढ़ रहा था, जब गेंदबाज उसे डराने की कोशिश कर रहे थे, जब सबको लग रहा था कि ये फिर से नहीं आ पाएगा, तब उसने चार लगातार छक्के मारे, और अब जब दक्षिण अफ्रीका आ रहा है, तो हम जानते हैं कि वो आएगा, वो खेलेगा, वो जीत दिलाएगा, और हम फिर से उसके नाम को चिल्लाएंगे, क्योंकि वो एक ऐसा खिलाड़ी है जो कभी हार नहीं मानता।
Divyanshu Kumar
दिसंबर 10, 2025 AT 04:46मैच का नतीजा तो बहुत अच्छा रहा, लेकिन मुझे लगता है कि इस तरह के कमबैक के लिए बीसीसीआई को एक अलग प्रोटोकॉल बनाना चाहिए, जिसमें खिलाड़ियों की फिटनेस को टेस्ट करने के लिए न सिर्फ दो मैच बल्कि एक डायनामिक फिटनेस टेस्ट भी शामिल हो।
Mona Elhoby
दिसंबर 11, 2025 AT 00:02अरे यार, चार छक्के मारे तो बड़ी बात हुई, पर गेंदबाजी में 52 रन देकर एक विकेट? ये तो फिटनेस का झूठ है। अगर ये अंतरराष्ट्रीय टीम में आ गया तो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हमारी टीम नहीं, उनका बल्ला जीत जाएगा।
Arjun Kumar
दिसंबर 12, 2025 AT 03:29अच्छा तो अब हार्दिक के बिना टीम अधूरी है? तो रोहित और विराट के बाद कौन बल्लेबाजी करेगा? शायद अब हमें एक नया खिलाड़ी ढूंढना होगा - जो चार छक्के मारे बिना भी जीत दिला सके।
RAJA SONAR
दिसंबर 13, 2025 AT 13:43ये वापसी तो बस एक नाटक है। चार छक्के? बस एक ओवर में। अगर ये टीम का संतुलन है तो तो बहुत खतरनाक है। मैं तो चाहता हूं कि ये जानबूझकर इतना धमाकेदार खेला ताकि टीम के चयनकर्ता उसे ले लें। ये तो एक बहुत बड़ा खेल है।
Mukesh Kumar
दिसंबर 14, 2025 AT 22:35दोस्तों, ये तो बस एक शुरुआत है। अब जब वो वापस आ गए हैं, तो हमें उनके साथ खड़े होना होगा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम के लिए ये एक बड़ा मोड़ है। हम सब मिलकर उनके लिए दुआ करें।
Shraddhaa Dwivedi
दिसंबर 16, 2025 AT 21:13मैंने ये मैच देखा और लगा जैसे कोई बच्चा फिर से उठ खड़ा हुआ हो। उसकी आंखों में वही चमक थी जो हम सबको बचपन में दिखती थी। ये वापसी कोई खेल नहीं, ये एक आस्था है।