एशिया कप 2025: जाकेर अली का ऐलान—चैंपियन बनने निकलेगा बांग्लादेश
सित॰, 12 2025
जाकेर अली का दावा और ड्रेसिंग रूम का मूड
तीन बार फाइनल की दहलीज़ पर आकर चूकने वाली बांग्लादेश टीम ने इस बार टोन अलग सेट किया है। ढाका के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में मीडिया से बात करते हुए विकेटकीपर-बल्लेबाज जाकेर अली ने साफ कहा—टीम का इकलौता लक्ष्य एशिया कप 2025 की ट्रॉफी उठाना है। यह बयान सिर्फ एक लाइन नहीं, ड्रेसिंग रूम की सोच का आईना है। खिलाड़ियों के मुताबिक सबकी मान्यता एक है—टाइटल के अलावा कुछ नहीं।
यह दृढ़ता संयोग नहीं। 2012 में घर पर पाकिस्तान से दो रन से हार, 2016 में टी20 फॉर्मेट के फाइनल में इंडिया के हाथों शिकस्त, और 2018 में यूएई में आखिरी ओवर में छूटा खिताब—इन तीन चोटों ने टीम को सिखाया है कि बड़े मौकों पर मैच कैसे पकड़ा जाता है। इस बार तैयारी उस गैप को भरने की कोशिश दिखाती है—कड़े हालात में शांत रहना, अंतिम पाँच ओवरों की कंसिस्टेंसी, और पावरप्ले में मैच की दिशा तय करना।
टूर्नामेंट सितंबर में यूएई की पिचों पर होगा और फॉर्मेट टी20 रखा गया है ताकि 2026 टी20 वर्ल्ड कप के मद्देनज़र टीमें अपनी योजनाएं परख सकें। बांग्लादेश ग्रुप बी में अफगानिस्तान, हांगकांग और श्रीलंका के साथ है। उनका अभियान 11 सितंबर को हांगकांग से होगा, फिर 13 सितंबर को श्रीलंका और 16 सितंबर को अफगानिस्तान—तीनों मुकाबले ग्रुप स्टेज की तस्वीर साफ करेंगे।
फॉर्म की बात करें तो टीम का आत्मविश्वास हालिया टी20आई सीरीज जीतों से ऊपर है। श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ बैक-टू-बैक सफलताएं सिर्फ आकंड़े नहीं, ड्रेसिंग रूम के विश्वास की वजह भी हैं। खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज बताती है कि स्पिन-सीम के कॉम्बिनेशन से लेकर डेथ ओवर्स तक, बांग्लादेश के पास इस बार प्लान-B और प्लान-C मौजूद हैं।
जाकेर अली खुद को मिडिल-ऑर्डर का विश्वसनीय चेहरे के रूप में स्थापित कर चुके हैं। उनकी भूमिका दोहरी है—इन्निंग्स को स्थिरता देना और जरूरत पड़ने पर फिनिश करना। धीमी पिचों पर स्ट्राइक रोटेशन, स्पिन के खिलाफ शॉट-रेंज, और प्रेशर ओवर्स में शांति—ये तीन गुण उन्हें टीम के लिए अहम बनाते हैं। वे साफ कहते हैं कि वे टूर्नामेंट में जीत की मानसिकता के साथ उतरेंगे, और यही सोच पूरी टीम साझा करती है।
कार्यक्रम, संभावित रणनीति और प्रमुख चेहरे
बांग्लादेश का शेड्यूल ग्रुप में बैलेंस्ड है—आरंभ अपेक्षाकृत आसान प्रतिद्वंद्वी हांगकांग से, फिर पुराने एशियाई प्रतिद्वंद्वी श्रीलंका, और अंत में अफगानिस्तान जैसी स्पिन-समृद्ध टीम। यहां नेट रन रेट भी उतना ही मायने रखेगा जितनी जीतें।
- 11 सितंबर: बनाम हांगकांग
- 13 सितंबर: बनाम श्रीलंका
- 16 सितंबर: बनाम अफगानिस्तान
श्रीलंका के खिलाफ मुकाबला अक्सर टाइट रहता है। पावरप्ले में विकेट और बीच के ओवरों में स्कोर-रेट पर रोक—यहीं मैच झुकता है। अफगानिस्तान के खिलाफ असली परीक्षा स्पिन के खिलाफ बल्लेबाजी और डेथ ओवर्स की गेंदबाजी होगी। हांगकांग के सामने मौका रहेगा कि बांग्लादेश बेंच को आज़माते हुए भी स्टैंडर्ड ऊंचा रखे और NRR को नुकसान न होने दे।
कंडीशंस की बात करें तो दुबई, अबूधाबी और शारजाह की पिचें प्रायः दो-गति की होती हैं। शाम को ओस की संभावना रहती है, जिससे बाद में बल्लेबाजी थोड़ी आसान दिख सकती है, पर नई गेंद शुरू में पकड़ बना सकती है। शारजाह में बॉन्ड्री छोटी है, पर गेंद अक्सर स्लो-ऑफ-द-सर्फेस आती है—कटर्स और स्लोअर बॉल से असर दिखता है। इसीलिए मुस्तफिजुर रहमान की वैरिएशन वाली गेंदें और टास्किन अहमद की हार्ड-लेंथ यूएई में स्वाभाविक हथियार बनती हैं। हसन महमूद जैसी सपोर्ट पेस-यूनिट बीच के ओवरों में दबाव बनाए रख सकती है।
स्पिन में मेहदी हसन मिराज का रोल डुअल रहेगा—नई गेंद से पॉवरप्ले में एक ओवर खींचना और मिडल में स्ट्रैंगल-होल्ड बनाना। बल्लेबाजी में लिटन दास की शुरुआत, तंजीद हसन (तमीम) या नईम शेख जैसे टॉप-ऑर्डर विकल्प पावरप्ले का टोन सेट करेंगे। मध्यक्रम में तौहीद हृदय का आक्रामक रुख और सौम्या सरकार की उपयोगी ऑलराउंड गेम से बैलेंस बनता है। कप्तान नजमुल हुसैन शांतो की शांत कप्तानी और एंकर रोल बड़े मौकों पर रन-चेज़ को स्थिरता दे सकते हैं।
रणनीति का केंद्र तीन पॉइंट पर टिकेगा—पहला, पावरप्ले में 45-50 के बीच स्कोर और एक से कम विकेट खोना; दूसरा, 7 से 15 ओवर के बीच 7-8 की रन-रेट से स्कोर टिकाए रखना; और तीसरा, अंतिम पाँच ओवरों में 50+ धक्का। गेंदबाजी में शुरुआती स्विंग के बाद स्लोअर-बॉल, बैक-ऑफ-द-हैंड कटर्स और वाइड यॉर्कर का पैकेज यूएई में कारगर रहता है। फील्डिंग स्टैंडर्ड, खासकर डीप में कैचिंग, सीधे तौर पर दो-तीन अंकों का फर्क ला सकती है।
बेंच-डेप्थ भी इस बार चर्चा में है। प्रारंभिक टी20 स्क्वॉड में लिटन दास, तंजीद हसन तमीम, नईम शेख, सौम्या सरकार, कप्तान नजमुल हुसैन शांतो, मेहदी हसन मिराज, तौहीद हृदय के साथ गेंदबाजी में मुस्तफिजुर रहमान, टास्किन अहमद और हसन महमूद जैसे नाम शामिल हैं। यह ग्रुप अलग-अलग संयोजनों की इजाज़त देता है—तीन पेस + दो स्पिन या दो पेस + दो स्पिन + एक ऑलराउंडर जैसे कॉम्बो, विपक्ष और पिच के हिसाब से।
जोखिम भी सामने हैं। बांग्लादेश की टी20 कहानी में कभी-कभी 15-20 गेंदों के भीतर क्लस्टर-विकेट्स देखने को मिले हैं—यही पैटर्न तंग मैचों में नुकसान कर देता है। इसके लिए फ्लोटिंग बल्लेबाज का इस्तेमाल, ओवर-द-टॉप खेलने का सही समय चुनना, और स्ट्राइक-रोटेशन पर फोकस जरूरी होगा। गेंदबाजी में डेथ ओवर्स की लाइन-लेंथ और फील्ड प्लेसमेंट का अनुशासन—इन्हीं डिटेल्स से 10-15 रन बचते हैं, जो नॉकआउट में सोना साबित होते हैं।
टीम मैनेजमेंट यूएई की गर्मी और बैक-टू-बैक मैचों को देखते हुए रोटेशन पर भी सोचेगा। हाइड्रेशन, रिकवरी विंडो और छोटी-छोटी मसल टाइटनेस को समय पर संभालना टूर्नामेंट लॉन्ग रन में बड़े अंतर पैदा करता है। इस संदर्भ में प्रैक्टिस सेशन गेम-शैली में, मैच-डे सिमुलेशन के साथ चल रहे हैं ताकि दबाव के हालात पहले से दिमाग में रिहर्स हो जाएं।
ढाका से लेकर दुबई तक फैन्स की उम्मीदें ऊंची हैं। सीरीज जीतों ने भरोसा जगाया है और जाकेर अली जैसे खिलाड़ी मैदान के अंदर वह ऊर्जा लाते हैं जिसकी एशियाई टूर्नामेंटों में खास जरूरत होती है। अगर ग्रुप स्टेज में बांग्लादेश जीत के साथ नेट रन रेट भी सुरक्षित रखता है, तो नॉकआउट में वही छोटा-सा बफर निर्णायक बन सकता है। अब निगाहें सिर्फ एक चीज पर हैं—इतिहास बदलने का मौका जब सामने आए, तो पकड़ना कैसे है।
Ashwini Belliganoor
सितंबर 12, 2025 AT 18:37लेख में कई तथ्य उल्लेखित हैं पर प्रस्तुति में गहराई की कमी है। जाकेर अली की महत्वाकांक्षा सराहनीय है पर टीम की पूर्व विफलताएं पर्याप्त रूप से विश्लेषित नहीं हुईं।
Hari Kiran
सितंबर 17, 2025 AT 22:24वाकई दिल छू गया पढ़ कर कि बांग्लादेश टीम ने पिछले बार की चूक से सीख ली है। जाकेर अली की बातों में जो दृढ़ता है, वो पूरी टीम में परिलक्षित होगी, यही आशा रखता हूँ कि समूह चरण में वह ऊर्जा दिखेगी।
Hemant R. Joshi
सितंबर 23, 2025 AT 02:12जाकेर अली की इस घोषणा का महत्व केवल व्यक्तिगत अभिलाषा तक सीमित नहीं है।
यह बांग्लादेश क्रिकेट के इतिहास में एक मोड़ का संकेत देता है।
तीन बार फाइनल में चूके होने के बाद टीम को अब जीत की ठोस रणनीति चाहिए।
ट्रॉफी को लक्ष्य बनाकर मानसिकता में बदलाव आना आवश्यक है।
ड्रेसिंग रूम की इस सकारात्मक ऊर्जा को मैदान में उतारना ही जीत का मार्ग है।
उन्हें अपने पिछले अनुभवों को सीख के रूप में अपनाना चाहिए, न कि बोझ।
विशेषकर स्पिन‑अधारित पिचों पर बॉलर्स की विविधता टीम के लिये फायदेमंद होगी।
पावरप्ले में 45‑50 रन की लक्ष्यराखी और एक विकेट से कम खोना अचूक राह निर्धारित करता है।
दुर्लभ बॉलिंग प्लान‑C को तैयार रखना भी मैच की दिशा बदल सकता है।
निवर्तमान खिलाड़ियों की फॉर्म भी इस शेड्यूल में आशा के संकेत देती है।
हासिल किए गए हालिया टी20I सफलता से टीम में आत्मविश्वास का संचार होता है।
आक्रमणात्मक मध्यक्रम और नियंत्रित फिनिशिंग दोनों को संतुलित रखना चाहिए।
टर्नओवर कम करने के साथ-साथ डिफेंसिव फील्डिंग भी मैच की निर्णायक घटक है।
उच्च तापमान और ओस की संभावना को देखते हुए हाइड्रेशन को प्राथमिकता देनी होगी।
संक्षेप में, यदि बांग्लादेश इन सभी पहलुओं को एकीकृत कर सके तो एशिया कप 2025 में ट्रॉफी उनका हाथ बन सकती है।
guneet kaur
सितंबर 28, 2025 AT 05:59ये सब खाके‑तुर्की बातें तो आम हैं, लेकिन वास्तविकता में बांग्लादेश की कमजोरी हिंग्लिश फील्डिंग में ही है। यदि स्पिनर नहीं संभाल पाए तो जीत का दावा पूरे झूठ में बदल जाएगा।
PRITAM DEB
अक्तूबर 3, 2025 AT 09:47क्लासिक बांग्लादेशी खेल, टीम का संतुलन अच्छा और रणनीति स्पष्ट है; शुभकामनाएँ!
Saurabh Sharma
अक्तूबर 8, 2025 AT 13:34ड्रॉवर कंट्रोल में रिट्रीवल स्ट्रेटेजी सही लग रही है खासकर पावरप्ले में 45‑50 रेट को टार्गेट करने की प्लान‑बेसिस के साथ। बॉल‑टेलेट ट्रैक्शन और डिप फील्डिंग से निकरायो फेज़ में एज इनक्रिमेंट बढ़ेगा।
Suresh Dahal
अक्तूबर 13, 2025 AT 17:21आशा की जाती है कि बांग्लादेश अपनी सांख्यिकीय श्रेष्ठता को व्यवहारिक रूप से भी प्रदर्शित करेगा, तथापि यदि ग्रुप चरण में नेट‑रन‑रेट में गिरावट देखी गई तो यह उनकी तैयारी में एक उल्लेखनीय कमी का संकेत हो सकता है।
Krina Jain
अक्तूबर 18, 2025 AT 21:09ye kitna bara try hai dekhne ka har match me . team ko shayad thoda aur polish chahiye .
Raj Kumar
अक्तूबर 24, 2025 AT 00:56सब सुन रहे हैं कि बांग्लादेश को जीत निश्चित है, पर मैं कहूँगा कि इस बार उन्हें अपनी ही रॉयल्टी की परछाई में फँसने का ख्याल है, जैसे काँच के क्यूब में धूप, टूटना तय।
venugopal panicker
अक्तूबर 29, 2025 AT 04:43देखिए, इस टॉर्नामेंट में बांग्लादेश की जीत एक काली सराय में राजकुमारी की कूद जैसा है – अप्रत्याशित, किन्तु पूरी सिलसिले का भाग्य तय कर देता है। चलिए, इस संभावनात्मक दास्तां को दिल से सजाते हैं।