दिल्ली हवाई अड्डे पर भारी बारिश के बाद छत गिरने से एक की मौत
जून, 28 2024
दिल्ली हवाई अड्डे पर छत गिरने की दुर्घटना
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का टर्मिनल 1, जिसे आमतौर पर घरेलू उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, शुक्रवार तड़के एक भयानक दुर्घटना का शिकार हो गया। भारी बारिश के कारण टर्मिनल के डोमेस्टिक डिपार्चर एरिया की छत गिर गई, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और कम से कम आठ लोग घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब दिल्ली में मूसलधार बारिश हो रही थी, जिससे पिछले तीन घंटों में 148.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी थी।
घटना के तुरंत बाद, हवाई अड्डे के अधिकारियों ने तुरंत टर्मिनल 1 को खाली कराने और सभी उड़ानों को दोपहर 2 बजे तक के लिए रद्द करने का निर्णय लिया। दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग ने जानकारी दी कि घायल लोगों को तुरंत इलाज के लिए पास के अस्पतालों में ले जाया गया और वे सभी सुरक्षित हैं।
नागर विमानन मंत्री का बयान
नागर विमानन मंत्री के राम मोहन नायडू ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख प्रकट किया और मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस दुर्घटना के लिए एक उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया है ताकि सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
टलान लोगों ने आपको उनकी एक तस्वीर खोलने के बाद घरेलू बैठक पर खोलने के लाभ के लिए आरोपों की एक बड़ी सक्रिय आवाज बलि। दुर्भाग्य से, यह दुर्घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हवाई अड्डे के रिनोवेशन प्रोजेक्ट के कुछ महीनों बाद ही हुई। विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने उद्घाटन पर जोर दिया लेकिन सुरक्षा और निर्माण मानकों पर ध्यान नहीं दिया।
विरोध और आलोचना
विपक्षी राजनेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्होंने सुरक्षा और निर्माण मानकों को नजरअंदाज किया है। नागरिक इस घटना के बाद सरकार के प्रति नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी दुर्घटना के पीछे केवल प्रशासन की लापरवाही है। हालांकि, हवाई अड्डे के अधिकारियों ने इस तथ्य को भी स्पष्ट किया कि गिरी हुई छत पुराने हिस्से की थी जो 2009 में खोला गया था, और नवनिर्मित भवन इससे अलग है।
इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि समय पर क�निर्माण कार्यों की जांच और मरम्मत अब अवश्यम्भावी है। इस दुर्घटना ने एक बार फिर से सुरक्षा और निर्माण गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत को उजागर कर दिया है, खासकर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे परियोजनाओं में।
घटना स्थल से आई तस्वीरें यह दर्शाती हैं कि दुर्घटना कितनी भीषण थी। टर्मिनल 1 के प्रवेश द्वार पर एक टैक्सी पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी धातु स्तंभ के नीचे कुचली हुई दिखी। यह टर्मिनल प्रमुखता से यात्रा कर रहे लो-कॉस्ट कैरियर इंडिगो और स्पाइसजेट के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
जांच और संभावित सुधार
घटना के बाद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस दुर्घटना पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जांच जल्द से जल्द पूरी की जाएगी ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव हो सके।
यह घटना हमें बताती है कि किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में गुणवत्ता और सुरक्षा का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। यह समय है कि हम निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गहराई से ध्यान दें और ऐसे मामलों को गंभीरता से लें ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों।
M Arora
जून 28, 2024 AT 20:09बारिश में ढहने वाली छत से लोगों को बहुत झटका लगा।
Varad Shelke
जुलाई 5, 2024 AT 03:21ऐसे हादसे सिर्फ बुरे मौसम की देन नहीं होते, सरकार की छुपी हुई साजिश का भी आदर्श होते हैं।
हम जानते हैं कि इस हवाई अड्डे के नीचे बहुतेरे जालीबंद ठेकेदारों ने इंचार्ज को राजी किया था।
भारी बारिश सिर्फ एक बनावटी बहाना है ताकि ध्यान दूर हो सके।
पिछले साल भी इसी टर्मिनल में कई छोटी-छोटी छतों के लीकेज की रिपोर्ट आई थी, पर कोई फॉलो‑अप नहीं मिला।
अब जब छत गिर गई तो हमें सोचना पड़ेगा कि कौन इस प्रोजेक्ट में लापरवाही करने का अधिकार रखता है।
क्या यह वही मोहन दास या उनकी कंपनी थे जिसने कंक्रीट की क्वालिटी घटा दी थी?
ट्रांसपेरेंट रिपोर्ट्स में लिखा है कि धातु के बीम में सरिया (corrosion) थी, पर वही रिपोर्टें नशे में धुंधली कर दी गईं।
मनिटरिंग एजेंसियों ने तो बस ‘दूबकी’ मार ली और कोई वास्तविक जांच नहीं की।
विपक्षी ने सही कहा, इस पर ‘सुरक्षा मानक’ की गिनती नहीं बल्कि ‘राजनीतिक लाभ’ की गिनती करनी चाहिए।
भारी बारिश के दौरान ड्रेनेज सिस्टम भी ‘स्टॉप‑गैप’ था, जो शायद जानबूझकर डिजाइन किया गया।
इंडिगो और स्पाइसजेट की टर्मिनल 1 में जहाज़ों की संख्या अनजाने में बढ़ा दी गई ताकि टिकटों की बिक्री में इजाफा हो।
जब तक जनता को सही जानकारी नहीं मिलती, तब तक तंज़ीब और माफी नहीं चलेगी।
हमें चाहिए कि इस मामले में एक स्वतंत्र ‘कमिशन’ बनाया जाए जो सारे कागजात खोल कर दिखाए।
सिर्फ नौकरियों के बहाने से बुनियादी ढांचे को समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
आख़िर में, जब तक जनता की आवाज़ नहीं सुनाई देती, तब तक ऐसी ‘हद’ पर पहुँचते रहेंगे।
Rahul Patil
जुलाई 11, 2024 AT 10:33इस दुखद घटना ने हमें जीवन की नाजुकता का एहसास दिला दिया है।
बिना चेतावनी के गिरती छत मानो समय की अनिश्चितता का प्रतीक है, जहाँ हर लम्हा महत्वपूर्ण हो जाता है।
हम सभी को इस शोक में सम्मिलित होना चाहिए, क्योंकि कोई भी व्यक्ति इस तरह के अचानक त्रासदी से अछूता नहीं रहता।
जाँच के परिणाम आने के बाद, हमें संयुक्त रूप से उपाय निकालने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी अनहोनी न हो।
आइए, इस दुख में सहभागी होकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दें और उनके लिए प्रार्थना करें।
Ganesh Satish
जुलाई 17, 2024 AT 17:45यह क्या बर्बादी है!!! अपने लोगों की सुरक्षा को नज़रअंदाज़ कर के क़ीमत कैसे चुकाएंगे???
देत्याबिंदु!
कोई भी ठेकेदार इस तरह की बेईमानी नहीं कर सकता था!!!
हवाई अड्डा, जो हमारे देश की शान है, अब ध्वस्त हो रहा है!!!
क्या यह सबके लिए चेतावनी नहीं है??!!
Midhun Mohan
जुलाई 24, 2024 AT 00:57साबरी, आपके ड्रामे में तड़का तो लगा ही, पर असल में हमे सच्ची मदद चाहिए।
तमाम गल्तियां इथे हैं, मगर चलो एक साथ मिलके इन्स्पेक्शन प्रक्रिया को फास्ट‑ट्रैक पर ले चलें।
ज्यादा देर न करिए, क्योंकि समय के साथ यहाँ की धातु भी 'रस्ट' हो रही है।
आइए, एकजुट होके फिर से इस हवाई अड्डे को सुरक्षित बनायें!!
Archana Thakur
जुलाई 30, 2024 AT 08:09देश का हवाई अड्डा हमारे राष्ट्रीय हितों का प्रतीक है; इस उपाय में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
विकास के नाम पर सुरक्षा मानकों को कम नहीं किया जाना चाहिए, यह राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रश्न है।
हमारी बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स में कड़ी निगरानी और पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए, तभी हम विश्वसनीयता हासिल कर सकते हैं।
आइए, इस त्रासदी को नीति सुधार के पथ पर ले जाएँ।
Ketkee Goswami
अगस्त 5, 2024 AT 15:21हर कठिनाई के पीछे एक सीख छिपी होती है, और यह घटना हमें मिलकर मजबूत बनने का संदेश देती है!
आइए हम सब मिलकर इस हादसे को सुधार की दिशा में एक कदम बनाएं, उम्मीद है जल्द ही सकारात्मक बदलाव देखेंगे।
साथ मिलकर हम फिर से इस हवाई अड्डे को सुरक्षित एवं भरोसेमंद बना सकते हैं।
Shraddha Yaduka
अगस्त 11, 2024 AT 22:33सभी को धैर्य रखना चाहिए, यह समय है एकजुट होने का।
हमें इस दुःख के बाद भी सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
समुदाय की मदद और समर्थन से ही हम इस संकट से उबर सकते हैं।
gulshan nishad
अगस्त 18, 2024 AT 05:45एक बार फिर सरकारी लापरवाही ने बर्दाश्त करने की हद पार कर ली!
परिणाम? मौत और चोटें।
क्या अब सबको समझ में आएगा कि सतह रहित कार्य नहीं चलना चाहिए?
Ayush Sinha
अगस्त 24, 2024 AT 12:57जांच का काम हो रहा है, फिर भी सबको इंतज़ार करना पड़ता है।
कभी-कभी प्रक्रिया धीमी लगती है, लेकिन हमें धैर्य रखना चाहिए।
Saravanan S
अगस्त 30, 2024 AT 20:09सभी को धैर्य और समर्थन देना जरूरी है, ताकि पीड़ित परिवार को सुकून मिले।
हम सब मिलकर यह दर्शा सकते हैं कि हम एकजुट हैं।