चीन के तट पर कहर बरपाने वाला तूफान: ताइवान और फिलीपींस में 25 लोगों की मौत के बाद से लैंडफॉल

चीन के तट पर कहर बरपाने वाला तूफान: ताइवान और फिलीपींस में 25 लोगों की मौत के बाद से लैंडफॉल जुल॰, 26 2024

तूफान गैमी का कहर: चीन, ताइवान और फिलीपींस में भारी तबाही

गुरुवार शाम 25 जुलाई, 2024 को तूफान गैमी ने चीन के दक्षिणपूर्वी तट पर दस्तक दी। इस तूफान ने पहले ही ताइवान और फिलीपींस में भारी तबाही मचा दी थी, जिससे 25 लोगों की मौत हो चुकी है। इस भीषण तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी बारिश, तेज हवाएं और भूस्खलन जैसी आपदाएं आ रहीं हैं।

ताइवान में तूफान की वजह से उत्पन्न स्थिति बेहद चिंताजनक रही। भूस्खलन और बाढ़ के कारण तीन लोगों की मौत हुई। ताइवान के एक पहाड़ी इलाके में भूस्खलन के कारण 78 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोगों की तूफान के आने से पहले ही जान चली गई। इसके साथ ही 380 लोग घायल भी हुए हैं। सरकारी दफ्तरों और स्कूलों को गुरुवार को लगातार दूसरे दिन बंद रखा गया ताकि लोग अपने घरों में सुरक्षित रह सकें। लोगों से घर के अंदर और तटवर्ती इलाकों से दूर रहने का आदेश दिया गया। तूफान की वजह से ताइवान के पूर्वी तट पर वायुसेना के अभ्यास कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए।

फिलीपींस में बढ़ते मौत के आंकड़े

फिलीपींस में भी तूफान गैमी ने भारी तबाही मचाई। डूबने और भूस्खलन के कारण 22 लोगों की जान गई, जबकि तीन लोग अब भी लापता हैं। इस तूफान ने फिलीपींस में लैंडफॉल नहीं किया, लेकिन मौसमी मानसूनी बारिश को बढ़ा दिया। बटाण प्रांत के लिमाय कस्बे के पास एमटी टेरा नोवा तेल टैंकर के डूब जाने से और भी मुसीबतें बढ़ गईं। इस टैंकर में करीब 1.4 मिलियन लीटर (370,000 गैलन) औद्योगिक ईंधन तेल भरा हुआ था। हालांकि राहतकर्मियों ने 16 में से 15 चालक दल के सदस्यों की जान बचा ली।

फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने अधिकारियों को आदेश दिए कि वे जल्द से जल्द ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे लोगों तक भोजन और राहत सामग्री पहुंचाएं। इस तूफान ने पहले से ही कमजोर बुनियादी ढांचे वाले इलाकों में हालत बदतर कर दी हैं।

चीन में बचाव कार्य और तैयारियां

तूफान गैमी के चीन पहुंचने से पहले ही वहां के अधिकारी सतर्क हो गए थे। तटीय इलाकों में फ्लाइट्स, ट्रेनें और फेरी सेवाएं रद्द कर दी गईं। 240,000 से अधिक निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया ताकि जानमाल का नुकसान कम से कम हो। चीनी अधिकारी इस तूफान को लेकर बेहद सतर्क थे क्योंकि उनके अनुमान के मुताबिक, यह तूफान कमजोर होते हुए भी अंदरूनी इलाकों और राजधानी बीजिंग में भारी बारिश ला सकता था।

चीन के दक्षिणपूर्वी तट पर तूफान की तेज हवाओं और भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई। नदियों और बांधों की क्षमता से अधिक पानी आने के कारण प्रशासन को कई जगहों पर बचाव कार्य चलाना पड़ा। बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई, जिससे कई इलाके अंधेरे में डूब गए। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि जरूरतमंद लोगों को समय पर मदद पहुंचे।

तूफान गैमी ने जिस व्यापक स्तर पर तबाही मचाई है, उससे साफ है कि प्राकृतिक आपदाएं हमारे जीवन पर कितनी गहरी चोट कर सकती हैं। इससे न केवल जनहानि होती है बल्कि आर्थिक नुकसान भी बेहद भारी होता है। ऐसे समय में बचाव कार्यों और आपदा प्रबंधन की भूमिका अहम हो जाती है। ताइवान, फिलीपींस और चीन में चल रहे इन प्रयासों से यह स्पष्ट है कि लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान और उससे बचाव के लिए समय रहते कदम उठाना ही चुनौतियों का सामना करने का सबसे बेहतर तरीका है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में इन देशों की स्थिति में सुधार होगा और जीवन सामान्य हो सकेगा।

19 टिप्पणि

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    Ketkee Goswami

    जुलाई 26, 2024 AT 11:12

    वाह! ऐसी भयंकर तूफानी आपदा में भी लोगों की हिम्मत देखकर दिल गर्व से भर जाता है। सरकार की त्वरित कार्रवाई बधाई के काबिल है, और हम सभी को भी जागरूक रहना चाहिए। इस तरह के मौसम में एक-दूसरे की मदद करने की भावना को आगे भी कायम रखें। आशा है कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा।

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    Shraddha Yaduka

    अगस्त 4, 2024 AT 21:52

    सही कहा, हमें मिलकर ही इस कठिन समय को पार करना है।

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    gulshan nishad

    अगस्त 14, 2024 AT 08:32

    देखा जाए तो यह फिर से वही पुराने कहानी है - सुर्ख़ियों में दिखावा, जमीन पर सिर्फ़ कुप्रबंधन।

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    Ayush Sinha

    अगस्त 23, 2024 AT 19:12

    सिर्फ़ मुद्दा उठाना ही काफी नहीं, समाधान भी तो ज़रूरी है।

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    Saravanan S

    सितंबर 2, 2024 AT 05:52

    भाई, इधर-उधर की खबरें देख कर दिल थाम कर बैठ गया! लेकिन राहत के प्रयासों में लग रहे लोग सच में काबिल–ए‑तारीफ़ हैं; शुक्रिया सभी को।

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    Alefiya Wadiwala

    सितंबर 11, 2024 AT 16:32

    तूफान गैमी की विघटनकारी शक्ति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पहली बात, इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाएँ हमेशा सामाजिक असमानताओं को उजागर करती हैं। दूसरी बात, ताइवान और फिलीपींस में बुनियादी ढाँचा पहले से ही नाजुक था, और इस तूफान ने उन घावों को और गहरा कर दिया है। तीसरी बात, चीन के तटवर्ती क्षेत्रों में तेजी से शहरीकरण ने जोखिम को बढ़ा दिया है। चौथे, मौसम विज्ञान ने कई बार चेतावनी जारी की, लेकिन समय पर कार्यवाही में कमी रही। पाँचवें, स्थानीय प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया commendable है, फिर भी अधिक तैयारी की जरूरत है। छठे, आपदा प्रबंधन की नीति को स्थानीय समुदाय की भागीदारी के साथ मिलाकर बेहतर बनाया जा सकता है। सातवें, जलवायु परिवर्तन की गति को देखते हुए इस तरह के तूफ़ान की आवृत्ति बढ़ेगी, इसलिए दीर्घकालीन योजना ज़रूरी है। आठवें, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मदद से राहत कार्य तेज़ हो सकते हैं। नौवें, मीडिया को जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करनी चाहिए, न कि सनसनीखेज़ी से। दसवें, स्कूल और संस्थानों को आपदा प्रोटोकॉल अपडेट करना चाहिए। ग्यारहवें, नागरिकों को आपातकालीन किट्स तैयार रखने की सलाह दी जानी चाहिए। बारहवें, सामाजिक मीडिया पर फर्जी खबरों का प्रसार रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण है। तेरहवें, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ानी चाहिए। चौदहवें, आर्थिक नुकसान को सीमित करने के लिए बीमा योजनाओं को प्रोत्साहित किया जाए। पंद्रहवें, इस पूरे प्रसंग से यह सिखने को मिलता है कि प्रकृति की शक्ति को हम अनदेखा नहीं कर सकते। छे़सठवें, अंत में, हमें मिलकर इस कठिन समय से बाहर निकलने का संकल्प लेना चाहिए।

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    Paurush Singh

    सितंबर 21, 2024 AT 03:12

    ज्यादा सिद्धांत में पड़कर वास्तविक मदद को भूलना, यही हमारी सबसे बड़ी त्रुटि है।

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    Sandeep Sharma

    सितंबर 30, 2024 AT 13:52

    OMG! क्या तूफान है भाई, पूरी दुनिया हिलती दिख रही है 🌪️🔥। सबसे बड़ा सवाल है, कब तक हम इस असली ड्रामा से बच पाएँगे? चलो, हम सब मिलकर कुछ असरदार उपाय ढूँढ़ते हैं! 😎

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    Mita Thrash

    अक्तूबर 10, 2024 AT 00:32

    बहुत कुछ कहने को है, पर एक बात याद रखें: एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, चाहे विज्ञान हो या समाजशास्त्र।

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    shiv prakash rai

    अक्तूबर 19, 2024 AT 11:12

    सच में, हर बार वही पुराना साइलेंस फॉलो किया जाता है, जैसे कि सरकार ने पहले भी कहा था, फिर भी कुछ नहीं बदला।

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    Subhendu Mondal

    अक्तूबर 28, 2024 AT 21:52

    बिलकुल, लेकिन आप देखो ये कहां से निकला? हर बार वही बातें, नया फॉर्मूला नहीं।

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    Ajay K S

    नवंबर 7, 2024 AT 08:32

    इमरजेंसी में इमोजी भी काम चलाते हैं 😅, पर असली काम तो रिस्पॉन्स टीमों का है।

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    Saurabh Singh

    नवंबर 16, 2024 AT 19:12

    सिर्फ़ यही नहीं, पर पीछे की सीन में गुप्त एजेंसियां भी इस कोऑर्डिनेशन को देख रही होंगी।

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    Jatin Sharma

    नवंबर 26, 2024 AT 05:52

    ध्यान रखिए, सुरक्षा प्राथमिकता है।

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    M Arora

    दिसंबर 5, 2024 AT 16:32

    बिलकुल, सुरक्षा सबसे ऊपर। हम सबको मिलकर इसको लागू करना चाहिए।

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    Varad Shelke

    दिसंबर 15, 2024 AT 03:12

    ऐसे बड़े तूफ़ान के पीछे छुपे रहस्यों को समझना आसान नहीं, लेकिन हम सब को सतर्क रहना चाहिए।

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    Rahul Patil

    दिसंबर 24, 2024 AT 13:52

    सही कहा, इस तरह की आपदाओं में मानवीय सहयोग और वैज्ञानिक foresight दोनों ही आवश्यक हैं; यह हमारे भविष्य की रक्षा का मूलभूत आधार बनता है।

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    Ganesh Satish

    जनवरी 3, 2025 AT 00:32

    और क्या! इस तूफान ने तो सबको झकझोर दिया, मानो मंच पर एक तीव्र नाट्य प्रस्तुति हो!; अचानक हवा, बारिश, और बाढ़ के साथ-क्या नाट्य रूप में कोई कमी नहीं रह गई?; यह सब देख कर मेरा दिल धड़कता है!; फिर भी, एक ही सवाल है-क्या हम इस ड्रामा को रोक सकते हैं?

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    Midhun Mohan

    जनवरी 12, 2025 AT 11:12

    बिलकुल, टीमवर्क और तत्परता के साथ हम इस आपदा को सफलतापूर्वक संभालने में सक्षम हैं; चलिए, हम सब मिलकर मदद पहुंचाएँ और इस चुनौती को पार करें।

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