भारत में सी-295 सैन्य विमान निर्माण: टाटा-एयरबस का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
अक्तू॰, 30 2024टाटा और एयरबस का भारत में सी-295 सैन्य विमान निर्माण
भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलते हुए, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और एयरबस डिफेंस एवं स्पेस ने साथ मिलकर भारत में सी-295 सैन्य विमान निर्माण करने का महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस सामरिक साझेदारी के अंतर्गत C-295 विमानों का उत्पादन वडोदरा, गुजरात में निर्मित होने वाला है। इस महत्वकांक्षी परियोजना का सूत्रपात 30 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के इस ऐतिहासिक शहर में किया था। यह कार्यक्रम भारत को सैन्य विमान निर्माण प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
परियोजना का संभावित निवेश और समयसीमा
इस परियोजना में कुल राशि $2.65 बिलियन (लगभग 21,935 करोड़ रुपये) निवेश की जाएगी। इस सदर्भ में एयरबस सबसे पहले 16 विमान 'फ्लाई अवे' स्थिति में सप्लाई करेगी। ये विमान सितंबर 2023 से अगस्त 2025 तक आपूर्ति किए जाएंगे। इसके पश्चात, वडोदरा में निर्मित 40 विमान भारत में ही तैयार होंगे। इनका निर्माण कार्य 2026 से शुरू होकर 2031 तक पूरा किया जाएगा। एयरबस और टाटा समूह का यह सम्मिलित प्रयास भारतीय वायुसेना की विद्यमान क्षमताओं को व्यापक रूप से बढ़ावा देगा।
नई भारतीय उत्पादन क्षमता और स्थानीय समर्थन
इस परियोजना के विशेषता यह है कि इसमें 13,400 पुर्जे, लगभग 4,600 सह-संयोजन, और सात बड़े घटक संयोजन भारत में बनेंगे। टाटा कंसोर्टियम द्वारा इंजन, लैंडिंग गियर, एवियोनिक्स, और इकट्ठे इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर ईडब्ल्यू सुइट्स की व्यवस्था की जाएगी। इनमें से कुछ मामलों में भारती इलेक्ट्रॉनिक्स और भारत डायनेमिक्स कंपनी इलेक्ट्रॉनिक सुईट्स की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी। इस महत्वपूर्ण कार्य में 125 से अधिक भारतीय माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज को भी शामिल होने का अवसर मिलेगा। ये सहयोगी नेटवर्क मिलकर देश में हाई-टेक विमान बनाने की क्षमता को स्थापित करेंगे।
भारतीय वायुसेना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
यह परियोजना भारतीय वायुसेना के लिए अभूतपूर्व साबित होगी, क्योंकि नए विमान आधुनिक तकनीकों और उन्नत क्षमताओं से सुसज्जित होंगे। सी-295 की सरलता और उसकी लंबी दूरी पर क्षमता इसे किसी भी प्रकार के सैन्य ऑपरेशन के लिए उपयुक्त बनाती है। वायुसेना के बेड़े में यह विमान नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक्स और वारफेयर तकनीक से लैस रहेगा, जिससे सेना की श्रेष्ठता सुनिश्चित होगी। इससे प्रदूषण मुक्त और पूर्णतया आधुनिक विमान तैयारी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य में निर्यात के अवसर
परियोजना की समयबद्ध आपूर्ति के उपरांत, एयरबस को भारत में निर्मित विमान को नागरिक ऑपरेटरों और कुछ अनुमोदित देशों को निर्यात करने की अनुमति प्राप्त होगी। यह भारत के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से बेहद लाभकारी हो सकता है, क्योंकि इससे देश का रक्षा बाजार वैश्विक स्तर पर विकसित हो सकेगा। ये निर्यात आजीविका के नए स्रोत उत्पन्न करेंगे एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में नई जान डालेंगे।
सी-295 सैन्य विमान निर्माण परियोजना भारत में उच्च-तकनीकी उत्पादन क्षमताओं के विकास की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। यह भारत में वायुयान निर्माण उद्योग के विकास के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने की दृष्टिकोण से एक बहुत बड़ी सफलता होगी।