बजाज ऑटो के शेयरों में भारी गिरावट: कमजोर तिमाही प्रदर्शन का असर

बजाज ऑटो के शेयरों में भारी गिरावट: कमजोर तिमाही प्रदर्शन का असर अक्तू॰, 18 2024

बजाज ऑटो के शेयर में भारी गिरावट का विश्लेषण

बजाज ऑटो के निवेशकों के लिए यह एक झटका साबित हुआ जब कंपनी के शेयर में 13% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट मुख्य रूप से कंपनी की दूसरी तिमाही के कमजोर प्रदर्शन के कारण हुई है, जिसने कंपनी को 31.4% की गिरावट के साथ ₹1,385 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज कराया। पिछली वर्ष इसी तिमाही में यह लाभ ₹2,020 करोड़ था।

शेयर बाजार में प्रतिक्रिया

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर बजाज ऑटो का शेयर ₹10,093.50 पर बंद हुआ जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर यह ₹10,095.70 पर बंद हुआ। इस गिरावट ने कंपनी के भविष्य के प्रति निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। विश्लेषकों का यह भी मानना है कि इस गिरावट का प्रभाव अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों पर भी पड़ा है, जो Nifty Auto इंडेक्स में 3.54% की गिरावट के साथ नजर आई।

ब्रोकरेज हाउसों की भिन्न प्रतिक्रियाएँ

ब्रोकरेज हाउसों की समीक्षा में अलग-अलग विचार सामने आए हैं। जहां Citi और Emkay ने बजाज ऑटो की स्थिति पर निराशा व्यक्त करते हुए इसे डाउनग्रेड किया है, वहीं Nomura ने इस पर अपना भरोसा बनाए रखा है। यह स्थिति बताती है कि निवेशकों के बीच बजाज ऑटो के भविष्य को लेकर सटीकता और अनिश्चितता है।

अन्य ऑटो कंपनियों पर प्रभाव

इस स्थिति का असर अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों पर भी पड़ा है, जैसे Bosch, M&M, TVS Motors, और Hero Motocorp, जिनके शेयर भी बाजार की दवाब के कारण प्रभावित हुए हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने ऑटोमोटिव सेक्टर में उथल-पुथल मचा दी है और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कंपनी इस स्थिति का कैसे सामना करती है और भविष्य के लिए क्या रणनीतियाँ बनाती है।

बाजार विशेषज्ञों का दृष्टिकोण

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि बजाज ऑटो के शेयर का मूल्यांकन 29.2 गुना/26 गुना FY26E/27E EPS की तुलना में हुआ है, जिससे यह नकारात्मक आश्चर्यों के लिए कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता है। इस कारण से चीन ने इसे न्यूट्रल के रूप में डाउनग्रेड किया है और इसका लक्षित मूल्य ₹11,596 तय किया है।

अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव

बजाज ऑटो जैसी बड़ी कंपनी का प्रदर्शन न केवल आर्थिक वातावरण को प्रभावित करता है बल्कि इससे निवेशकों की धारणा भी प्रभावित होती है। अगर कंपनी अपने प्रदर्शन में सुधार लाती है तो यह इसके शेयर मूल्य में तेजी का कारण बन सकता है। वहीं, अल्पकालिक नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए कंपनी को अपनी प्रदर्शन रणनीति में बदलाव करना होगा।