Airtel ने सभी ग्राहकों को 17,000 रुपये की फ्री Perplexity Pro AI सब्सक्रिप्शन दी

Airtel ने सभी ग्राहकों को 17,000 रुपये की फ्री Perplexity Pro AI सब्सक्रिप्शन दी जुल॰, 18 2025

Airtel की बड़ी घोषणा: हर यूज़र को ₹17,000 की Perplexity Pro AI सब्सक्रिप्शन फ्री

अगर आप Airtel के मोबाइल, वाई-फाई या DTH यूज़र हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। Airtel ने अमेरिका की AI कंपनी Perplexity के साथ साझेदारी कर सभी 360 मिलियन ग्राहकों को Perplexity Pro की 12 महीने की फ्री सब्सक्रिप्शन देने का ऐलान किया है, जिसकी कीमत ₹17,000 है। यह साझेदारी भारत में Perplexity की पहली टेलीकॉम डील है और इसमें Airtel के प्रीपेड, पोस्टपेड, ब्रॉडबैंड और DTH यूज़र्स सभी शामिल हैं।

Perplexity Pro यूज़र्स को पारंपरिक सर्च इंजन से कहीं आगे ले जाता है। यहां आपको रियल-टाइम, कन्वर्सेशनल AI रिस्पॉन्स मिलेंगे, जिससे आप सवालों के तुरंत और विस्तार से जवाब पा सकते हैं। सबसे खास बात, Perplexity Pro में आपको मिलती हैं:

  • हर दिन 300 AI-संचालित सर्चेस (GPT-4.1 व Claude जैसे सबसे लेटेस्ट मॉडल के साथ)
  • इमेज जेनरेशन और किसी भी फाइल को अपलोड करके एनालिसिस की सुविधा
  • Perplexity Labs के जरिए डायनामिक रिसर्च और क्रिएटिव एक्सपेरिमेंट्स
  • डीप रिसर्च के टूल्स और प्रायोरिटी सपोर्ट

ग्राहकों को क्या फायदा? और कैसे क्लेम करें सब्सक्रिप्शन

Airtel के वाइस चेयरमैन गोपाल विट्टल ने कहा, "यह साझेदारी लाखों यूज़र्स को एक ताकतवर और रियल-टाइम नॉलेज टूल देगी, वो भी बिना कोई अतिरिक्त खर्च किए।" दूसरी ओर, Perplexity के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने इस डील को भारत के विद्यार्थियों, प्रोफेशनल्स और घरों तक प्रोफेशनल-ग्रेड AI टूल पहुँचाने वाला कदम बताया।

असल में, यह ऑफर Airtel और Jio के बीच की तेज टेलीकॉम प्रतिस्पर्धा का एक अहम हिस्सा है। मई 2025 के आंकड़ों के मुताबिक Airtel के 390 मिलियन और Jio के 472 मिलियन वायरलेस यूज़र्स हैं। Perplexity Pro का फ्री एक्सेस देकर Airtel अपने यूज़र्स को बांधे रखने और नए यूज़र्स जोड़ने की कोशिश में है।

अगर आप Airtel ग्राहक हैं, तो सब्सक्रिप्शन क्लेम करने का तरीका बेहद आसान है:

  1. Airtel Thanks App खोलें
  2. Rewards सेक्शन में जाएं > OTTs > Perplexity Pro चुनें
  3. 'Claim Now' पर टैप करें और निर्देशों को फॉलो करें

यह कदम न सिर्फ Airtel के मौजूदा सर्विसेज को स्मार्ट और इंटरैक्टिव बना रहा है, बल्कि यूज़र्स को एडवांस्ड AI-ड्रिवन टूल्स से लैस भी कर रहा है। अब स्टूडेंट्स हो, प्रोफेशनल्स या कोई भी जानना चाहने वाला – सबके लिए नॉलेज, रिसर्च और क्रिएटिविटी अब सिर्फ एक क्लिक दूर है, वो भी एक साल तक बिलकुल मुफ्त।

6 टिप्पणि

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    Paurush Singh

    जुलाई 18, 2025 AT 18:42

    Airtel की ये फ्री AI अदा, एक बड़े मार्केटिंग पैंजरे की तरह लगती है, जहाँ उपयोगकर्ता को दिलचस्प टूल्स के झुकाव में फँसाया जाता है।
    हम सबको बदलते डिजिटल परिदृश्य में सतर्क रहना चाहिए; सिर्फ चमक‑धमक नहीं, गहराई चाहिए।

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    Sandeep Sharma

    अगस्त 5, 2025 AT 03:22

    वाह, सच में बहुत ‘इनोवेटिव’ लगता है 😏। परन्तु अगर बात करें वास्तविक उपयोग की, तो शायद आम यूज़र को केवल ‘ट्रायल’ की लुभावनी चमक ही दिखेगी।

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    Mita Thrash

    अगस्त 22, 2025 AT 12:02

    Perplexity Pro का फ्री एक्सेस एक आकर्षक प्रस्ताव है, लेकिन इसका वास्तविक प्रभाव उपयोगकर्ता के प्रोफाइल पर आधारित होता है।
    डेटा‑प्रवेश की सीमा, क्वेरी‑रेट लिमिट, और मॉडल‑ऐडिटिविटी को समझना आवश्यक है।
    यदि आप एक छात्र हैं, तो रियल‑टाइम रिसर्च टूल आपके असाइनमेंट को तेज़ी से पूरा करने में मदद कर सकता है।
    फिर भी, प्रोफेशनल्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि AI‑जेनरेटेड आउटपुट को मानवीय वैरिफिकेशन की आवश्यकता है।
    यहाँ 'कंटेक्स्टुअल एंगेजमेंट' शब्द हमारे कार्यप्रवाह में एक नया लेयर जोड़ता है।
    एंड-टू-एंड इंटीग्रेशन के लिए, Airt Airtel Thanks ऐप का UX अब थोड़ा क्लटरफ़्री दिखता है।
    इमेज जेनरेशन फीचर के साथ, क्रिएटिव डिज़ाइनर्स को प्रोटोटाइप बनाना आसान हो जाएगा।
    परन्तु, डेटा प्राइवेसी की बात करें तो, उपयोगकर्ता को अपनी क्वेरी लॉग्स के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलनी चाहिए।
    इसीलिए, ‘डाटा सॉलिडिटी’ और ‘स्पष्टता’ को फ़ीचर रिलीज़ के साथ बंडल करना ज़रूरी है।
    सिस्टम की स्केलेबिलिटी को देखते हुए, 300 सर्चेस प्रतिदिन का बोर्डरलाइन लिमिट है, जो भारी शोधकर्ता को सीमित कर सकता है।
    फिर भी, इस लिमिट को पार करने के लिए कई यूज़र मल्टी‑अकाउंट बनाकर बाईपास कर सकते हैं, जो एक एथिकल डिलेम्मा उत्पन्न करता है।
    इसी कारण से, टेलीकॉम प्लैटफ़ॉर्म को मॉनिटरिंग मैकेनिज़्म को सुदृढ़ करना चाहिए।
    विपरीत पक्ष में, यह एंटी‑डिसरप्शन प्रोटोकॉल भी नई संभावनाएँ खोलता है, जैसे एंटरप्राइज़‑लेवल रिसर्च।
    समग्र रूप से, यह ऑफ़र डिजिटल इकोसिस्टम में एक इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड जैसा लग रहा है।
    हम सभी को इस बदलाव को खुले दिमाग से अपनाना चाहिए, जबकि संभावित जोखिमों की भी पहचान करनी चाहिए।
    अंत में, यह नई पहल हमें AI‑ड्रिवेन भविष्‍य की ओर एक कदम और आगे बढ़ाती है।

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    shiv prakash rai

    सितंबर 8, 2025 AT 20:42

    ऐसे बड़े ऑफर में बस 'फ्री' शब्द ही एक लोभ खींचता है, ज़्यादा दाम नहीं तो कितने भी ट्रीटमेंट हों, असली असर तो स्पेसिफिक यूज़ केस में ही समझ आएगा।

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    Subhendu Mondal

    सितंबर 26, 2025 AT 05:22

    कौन कहता है की एयरटेल ने कुछ भी दा�ँगा? हर प्रॉमिस फाइनेंसियल बबल में बदल जाता है, देखो रोज़ नई नई डील आते हैं, पर यूज़र नहीं बच पाते।

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    Ajay K S

    अक्तूबर 13, 2025 AT 14:02

    🤨 ठीक है, आप सही कह रहे हैं, पर फिर भी एक बार ट्राय कर लेता हूँ, देखते हैं फ्री में क्या मिलता है! 🙃

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