एआई फेक क्या हैं? आसान भाषा में समझें

आजकल सोशल मीडिया पर हर मिनट नई चीजें आती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजें पूरी तरह से कंप्यूटर द्वारा बनायीं गई हैं? इन्हें हम "एआई फेक" कहते हैं। एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और फेक यानी नकली। जब मशीन सीखती है और आपके सामने झूठी तस्वीरें, वीडियो या टेक्स्ट पेश करती है, तो वही एआई फेक बनते हैं।

एआई फेक के मुख्य रूप

एआई फेक की तीन सबसे आम किस्में हैं: डिप फेक (deepfake) वीडियो, जनरेटेड इमेज और ऑटोमैटिक न्यूज़. डिप फेक में किसी की आवाज़ या चेहरा बदलकर पूरी नई कहानी बनायी जाती है, जैसे कि किसी सिलेब्रिटी को कुछ कहता हुआ दिखाना। जनरेटेड इमेज में सिर्फ कुछ सेकंड में पूरी फोटो बनाई जा सकती है, चाहे वह कोई परिदृश्य हो या व्यक्तित्व। ऑटोमैटिक न्यूज़ में एआई एल्गोरिथ्म साधारण डेटा को लेकर ऐसे लेख लिखते हैं जो मानो वास्तविक रिपोर्टिंग लगें, लेकिन अक्सर उनमें तथ्यात्मक त्रुटियां मौजूद होती हैं।

कैसे पहचानें एआई फेक?

पहचानने के लिए कुछ आसान संकेत मद्दत करते हैं:

  • असामान्य लाइटिंग या छाया: डिप फेक में अक्सर हल्की अनियमितताएं रहती हैं।
  • अभिव्यक्ति में असंगति: अगर चेहरा अचानक बदलता दिखे या आवाज़ में अनभिज्ञ लहजा हो तो संदेह करें।
  • पाठ्य में वर्तनी या व्याकरण की गलतियां: ऑटोमैटिक जनरेटेड लेख अक्सर छोटे-छोटे टाइपोज़ रख सकते हैं।
  • स्रोत की जांच: अगर खबर किसी अज्ञात साइट या अनौपचारिक फोरम से आई हो, तो उसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाएँ।

इन संकेतों को याद रखकर आप फेक कंटेंट से बच सकते हैं।

एक और तरीका है “रीवर्स इमेज सर्च” करना। अक्सर एआई द्वारा बनाये गये चित्र इंटरनेट पर पहले से मौजूद नहीं होते, इसलिए गूगल इमेज सर्च से पता चल सकता है कि फोटो मूल है या नहीं। वीडियो के लिए, फ्रेम‑बाय‑फ़्रेम प्ले करके अनियमित कट्स देखना मददगार रहता है।

यदि आप सोशल मीडिया पर एआई फेक देखते हैं, तो रिपोर्ट बटन का प्रयोग करें और अपने फ़ॉलोअर्स को सतर्क करें। बड़े प्लेटफ़ॉर्म जैसे फेसबुक और यूट्यूब अब फेक कंटेंट की पहचान के लिए एआई टूल्स इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए उनका भरोसा करना भी फायदेमंद है।

अंत में, एआई फेक हर दिन तेज़ी से विकसित हो रहे हैं, पर समझदारी और सतर्कता से हम इनका असर कम कर सकते हैं। अगर आपको लगे कि कोई जानकारी बहुत अद्भुत या शॉकिंग है, तो एक बार जाँच कर लें। यही छोटा कदम आपको और आपके окружित लोगों को झूठी खबरों से बचा सकता है।

अक्षर पटेल ‘रिटायरमेंट’ वीडियो एआई फेक निकला: चंद घंटों में वायरल, फिर फैक्ट-चेक ने सच दिखाया

अक्षर पटेल ‘रिटायरमेंट’ वीडियो एआई फेक निकला: चंद घंटों में वायरल, फिर फैक्ट-चेक ने सच दिखाया

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दावा किया गया कि अक्षर पटेल ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। फैक्ट-चेक के बाद साफ हुआ कि यह एआई से बना फर्जी क्लिप है। कन्फ्यूजन की जड़ 1 अप्रैल 2025 का अक्षर का इंस्टाग्राम प्रैंक रहा, जिसे बाद में एडिट कर गलत संदर्भ में फैलाया गया। अक्षर टीम इंडिया के सक्रिय खिलाड़ी हैं। घटना ने एआई फेक और डिजिटल साक्षरता पर नई बहस छेड़ दी।