क्या MrBeast के 'बीस्ट गेम्स' से जुड़ी है विवादित हकीकत? अमेज़न प्राइम पर शुरू हुआ शो
दिस॰, 20 2024
MrBeast का नया शो 'बीस्ट गेम्स'
लोकप्रिय यूट्यूबर MrBeast, जिसका असली नाम जिमी डोनाल्डसन है, ने हाल ही में अपने बेहद चर्चित रियलिटी कॉम्पिटिशन शो 'बीस्ट गेम्स' का आगाज़ किया है। यह शो 19 दिसंबर, 2024 को अमेज़न प्राइम वीडियो पर शुरू हुआ है। शुरुआत में ही इस शो के दो एपिसोड्स उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे दर्शकों की उत्सुकता चरम पर पहुंच गई है। कुल 10 एपिसोड्स की योजना के साथ, यह शो हफ्ते में एक बार रिलीज़ होगा।
इस शो के अंतर्गत 1,000 प्रतियोगी $5 मिलियन के नकद इनाम के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। लेकिन शो अब अपनी शुरुआत के साथ ही विवादों का केंद्र बन गया है। आरोप ये हैं कि शूटिंग के दौरान प्रतियोगियों के साथ न केवल मजदूरी का भेदभाव हुआ बल्कि वे यौन उत्पीड़न और उपेक्षा के भी शिकार हुए। इतना ही नहीं, शूटिंग स्थल पर उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की भी कमी का सामना करना पड़ा।
विवाद के बादल
शो के निर्माताओं पर सेप्टंबर 2024 में पांच प्रतियोगियों द्वारा दायर एक सामूहिक मामला है, जिसमें 'क्रॉनिक मिस्ट्रीटमेंट' और उपेक्षा का आरोप लगाया गया है। कथित तौर पर शो की शूटिंग लास वेगास और टोरंटो में हुई थी। इन आरोपों के बावजूद, अमेज़न ने शो के प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं छोड़ी है, और इसे अब तक का सबसे बड़ा रियलिटी शो बताते हुए घोषणाएं जारी की हैं।
सिर्फ यही नहीं, उच्च बजट और ऐतिहासिक पुरस्कार के दम पर शो को दर्शकों के सामने पेश किया जा रहा है। कम्पनी इस शो को एक महत्वाकांक्षी परियोजना का रूप दे रही है, और MrBeast खुद इस शो के होस्ट व कार्यकारी निर्माता की भूमिका निभा रहे हैं। MrBeast अपने उच्च-उत्पादन स्तर के यूट्यूब वीडियो और अमूल्य चैलेंजों के माध्यम से पहले से ही एक बड़ा नाम हैं।
'बीस्ट गेम्स' की अपार सफलता
अमेज़न एमजीएम स्टूडियोज द्वारा बनाए गए इस शो की तुलना करते हुए, यहाँ हमें 'बीस्ट गेम्स' की सफलता की एक और कहानी मिलती है। लाखों डॉलर के बजट और उन्नत उत्पादन स्तर के साथ, इस शो को उच्चतम मापदंडों पर तैयार किया गया है। हालांकि इसकी शुरुआत से पहले ही इस पर विवादों की छाया पड़ गई है, परन्तु शो को दर्शकों से मिला समर्थन साबित करता है कि MrBeast की लोकप्रियता अभी भी बरकरार है।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि इस प्रकार के शो में न केवल मनोरंजन के नए आयाम जोड़ने की क्षमता होती है, बल्कि ये सामाजिक पहलुओं को भी प्रभावित कर सकते हैं। 'बीस्ट गेम्स' का विवाद पहले से ही यह दर्शाता है कि दर्शकों के बीच बड़ी नज़र उतारने की आवश्यकता होती है।
अगले कुछ हफ्तों में, शो के बाकी एपिसोड्स जारी होंगे और दर्शक देख पाएंगे कि आखिर किस प्रकार के चैलेंजेस और रोमांच के माध्यम से MrBeast और उनकी टीम इस शो को एक अद्वितीय अनुभव में तब्दील करेंगे। साथ ही, विवादों का हल होता है या नहीं, यह भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न बना रहेगा।
shiv prakash rai
दिसंबर 20, 2024 AT 16:30अरे यार, MrBeast का नया शो तो इतना धूमधाम से शुरू हुआ जैसे कोई नई धरती पर कदम रख रहा हो। लेकिन जब तक शूटिंग में प्रतियोगियों को पानी‑भोजन‑सेहत की भी नहीं मिलती, तब तक ये शो धूम नहीं मचाएगा। मानवता को थोड़ा चक्कर में न फँसाओ, थोड़ा सोच‑समझ के काम करो। आखिर में ये एंटरटेनमेंट है, जीवन नहीं।
Subhendu Mondal
दिसंबर 23, 2024 AT 16:30इतना गंदा शो, मस्त नज़र आ रहा है।
Ajay K S
दिसंबर 26, 2024 AT 16:30भाई साहब, इस नाटक को देख कर तो मन ही दफ़ा-फूँक हो जाता है… 🙄 शायद कोई गुप्त एजेंडा है, जिससे हम सबको हँसी आए।
Saurabh Singh
दिसंबर 29, 2024 AT 16:30सिर्फ अमेज़न को ही नहीं, गुप्त अभिजात्य वर्ग भी इस प्रोजेक्ट में हाथ डाल रहे हैं, सच में।
Jatin Sharma
जनवरी 1, 2025 AT 16:30दोस्तों, अगर हम सभी मिलकर इस तरह के शोषण को रोके तो शो का असली मज़ा सिर्फ़ सही प्रतिस्पर्धा में रहेगा। चलिए, एकजुट हो कर आवाज़ उठाते हैं।
M Arora
जनवरी 4, 2025 AT 16:30देखो, अगर हमें वास्तविक सामाजिक परिवर्तन चाहिए तो हमें ऐसे शोज़ को केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रखना चाहिए। ये मंच होना चाहिए जागरूकता का। यही सोच हम सबको आगे बढ़ाएगी।
Varad Shelke
जनवरी 7, 2025 AT 16:30ये सब कुछ फेक है, लास वेगास का नाम तो सिर्फ़ एक लिफाफ़ा है, असली जगह तो कहीं और है।
Rahul Patil
जनवरी 10, 2025 AT 16:30इस विवाद को देख कर मेरा दिल बहुत दुखता है; ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने वाले लोगों की मानवीय गरिमा का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। हमें एक-दूसरे के दर्द को समझते हुए समाधान निकालना चाहिए। इस स्थिति में संवेदनशीलता अपरिहार्य है।
Ganesh Satish
जनवरी 13, 2025 AT 16:30क्या बात है!!! बेबी, इस शो का नाटकीय बँधन देख कर तो दिल धड़के!!
ऐसे शोर-शराबे में असली मानवीय मूल्य कैसे बचेंगे???!!!
Midhun Mohan
जनवरी 16, 2025 AT 16:30भाइयों, इस स्थिति में हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए!! हम सब मिलकर इस समस्या को सुलझा सकते हे!!
साथ में खड़े हो कर ही बदलाव आएगा।
Archana Thakur
जनवरी 19, 2025 AT 16:30देश की शान को खतरनाक टिकाने वाले ऐसे शो को पूरी तरह बंद कर देना चाहिए; ये विदेशी प्लेटफ़ॉर्म हमारे संस्कारों को गँडागर्द बना रहे हैं।
Ketkee Goswami
जनवरी 22, 2025 AT 16:30चलो, इस कड़वे मुक़ाबले को भी एक सुनहरा मौका बनाते हैं! अगर हम सकारात्मक ऊर्जा से इस मुद्दे को उजागर करेंगे तो नतीजा भी शानदार होगा!🌟
Shraddha Yaduka
जनवरी 25, 2025 AT 16:30हर कोई इस परिस्थिति में कुछ न कुछ सीख सकता है, आशा है कि आगे बेहतर उपाय निकलेंगे।
gulshan nishad
जनवरी 28, 2025 AT 16:30बिलकुल बेवकूफ़ी भरा काम है, ऐसा शो किसी को भी नहीं सिखाता, बस दिखावा है।
Ayush Sinha
जनवरी 31, 2025 AT 16:30हो सकता है कि सभी ने बड़े पहलू को देखे हों, पर शायद यह देखना भी ज़रूरी है कि कैसे लोग इस कार्यक्रम में खुशी ढूँढते हैं।
Saravanan S
फ़रवरी 3, 2025 AT 16:30सभी को शुभकामनाएँ!!! एक साथ मिलकर हम इस समस्या को हल करेंगे!!!
Alefiya Wadiwala
फ़रवरी 6, 2025 AT 16:30पहले तो यह स्पष्ट है कि MrBeast जैसे डिजिटल इम्पीरियलिस्ट ने अपनी सत्ता को मनोरंजन के उँचाई पर पहुँचाया है, परन्तु इस सफलता की कीमत क्या है? यह शो केवल एक आर्थिक मशीन नहीं, बल्कि सामाजिक नैतिकता का परीक्षण भी है। जब हम देखते हैं कि 1,000 प्रतियोगियों को मानव मूलभूत अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, तो हमें पूछना चाहिए कि क्या यह असली ‘मनोरंजन’ है? टॉरंटो और लास वेगास में हुई शूटिंग में जल, भोजन, और मेडिकल सुविधाओं की कमी को अनदेखा करना, बड़े कॉर्पोरेट लुभावनियों के लिए एक मामूली त्रुटि नहीं, बल्कि एक गंभीर अनैतिक अपडेट है। यौन उत्पीड़न के मामलों की अनदेखी यह दर्शाती है कि कैसे शक्ति के दायरे में कानून के सिद्धांत भी धुंधले होते जा रहे हैं। इस प्रकार के शो को मानवीय गरिमा को नज़रअंदाज़ करके, बड़ी कंपनियाँ दर्शकों को एक झूठी वास्तविकता पेश करती हैं। इंटर्नेट पर इस चर्चा को अक्सर ‘प्लैजरीज़्म’ के रूप में खारिज किया जाता है, परंतु असली प्लैजरी तो वही है जो सामाजिक जिम्मेदारी को हाथ से निकल देता है। अमेज़न की इस प्रॉजेक्ट में सहभागिता यह भी इंगित करती है कि बड़े प्लेटफ़ॉर्म वैश्विक मीडिया को नियंत्रित करते हुए, अपने स्वयं के लाभ के लिए मानवीय मूल्यों को कमतर कर रहे हैं। यह केवल एक शो नहीं, बल्कि एक सामाजिक प्रयोग है जिसमें लोगों की पीड़ा को मनोरंजन के रूप में बोला जा रहा है। यदि हम इस प्रकार के प्रयोगों को बिना प्रश्न किए आगे बढ़ते रहे, तो भविष्य में एक ऐसी संस्कृति बन जाएगी जहाँ मानवता को केवल आँकड़े और नफ़े की दृष्टि से मापा जाएगा। हमें यह याद रखना चाहिए कि यूट्यूब की इकोसिस्टम जितनी ही महासभा है, उससे भी बड़ी जिम्मेदारी है, और यह जिम्मेदारी केवल फैंस के आँकड़ों में नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में भी जमेगी। इस मंच पर जो भी आवाज़ें उठ रही हैं, वे न केवल इस शो के खिलाफ हैं बल्कि एक बड़े सामाजिक आंदोलन का हिस्सा भी हैं। इस कारण से, हर दर्शक को यह समझना चाहिए कि उनका ‘देखना’ भी एक निरर्थक समर्थन नहीं बनना चाहिए। अंत में, यह स्पष्ट है कि जबतक ये मंच इंसानों को वस्तु के रूप में पेश नहीं करेगा, तबतक कोई वास्तविक बदलाव नहीं आएगा। इसलिए, हमें संगठित होकर इस असुविधा को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए, क्योंकि नैतिकता ही हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है।
Paurush Singh
फ़रवरी 9, 2025 AT 16:30आपका विस्तृत विश्लेषण सराहनीय है, परंतु वास्तविक समाधान के लिए ठोस कदमों की आवश्यकता है, केवल शब्दों से नहीं।