Julie Sweet का सरल प्रश्न: आपकी सफलता का पैमाना क्या है?
जन॰, 10 2025नई प्रतिभाओं की पहचान की रणनीति
आधुनिक कार्यस्थल में एआई की बढ़ती भूमिका के साथ, कार्य की प्रकृति में भी बदलाव देखने को मिलता है। एक्सेंचर की सीईओ जूली स्वीट ने इस परिवर्तित कार्य वातावरण में प्रतिभा की पहचान के लिए एक अद्वितीय दृष्टिकोण अपनाया है। उम्मीदवार का आत्मसंतोष और नए कौशल की खोज उसे दूसरों से अलग बनाती है। जूली ने प्रश्नों की लंबी सूची या भारी रिज्यूम के बजाय इसी प्रतिबद्धता को दर्शाने वाले एक साधारण प्रश्न के जरिए इसे परखने का फैसला किया है।
सीखने की ताकत
जूली स्वीट का मानना है कि 'पिछले छह महीनों में आपने क्या सीखा?' यह सवाल काफी कुछ कहता है। यह केवल एक जानकारी नहीं बल्कि व्यक्ति की मानसिकता को जानने का माध्यम है। एक व्यक्ति जिसने निरंतर सीखने की प्रक्रिया को अपनाया है, वह अनुकूलनशीलता और उद्योग की नई चुनौतियों से निपटने की क्षमता रखता है। यह दृष्टिकोण साधारण कौशल से परे है - यह व्यक्ति के भीतर जिज्ञासा और नवाचार को पहचानता है।
बदलाव के लिए तत्परता
स्वीट व्यापक दृष्टिकोण के साथ बदलाव की लहर में संतुलन साधकर चलती हैं। यह दृष्टिकोण उद्योग में हो रहे परिवर्तनों को स्वीकार करता है। एक कर्मी जो तकनीकी बदलावों के मुताबिक निरंतर अपने कौशल को अद्यतन करने में रुचि रखता है, वह स्पष्ट रूप से टीम में अधिक मूल्य लाता है। चाहे कोई उम्मीदवार बेकिंग सीखे या गणित के जटिल समीकरण हल करे, यह उनकी सीखने की प्यास को दर्शाता है।
काम के घंटों पर विवाद
जबकि जूली स्वीट की प्राथमिकता सीखने पर केंद्रित है, अन्य प्रमुख बिजनेस लीडर्स का फोकस काम के घंटों पर है। उदाहरण के लिए, एलएंडटी के एसएन सुब्रह्मण्यम का मानना है कि 90 घंटे की कार्य सप्ताह से सफलता प्राप्त की जा सकती है। जबकि इंफोसिस के एनआर नारायण मूर्ति 70 घंटे के कार्य सप्ताह का सुझाव देते हैं। इस संदर्भ में जूली की मान्यता अन्य दृष्टिकोणों से भिन्न है, क्योंकि वह काम की गुणवत्ता और सीखने की ललक पर जोर देती हैं।
छात्रों के लिए निर्देश
स्वीट के विचार एक और महत्वपूर्ण नेता, जेपीमॉर्गन के सीईओ जेमी डाइमॉन के दृष्टिकोण से मेल खाते हैं, जो छात्रों को सामाजिक मीडिया की बजाय सीखने और पढ़ने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हैं। यह सोच इस वक्तव्य पर बल देती है कि बदलाव की गति तेज है, और एक निरंतर सीखता हुआ व्यक्ति ही इसमें अपूर्व योगदान दे सकता है।
सफल करियर का निर्माण
इस तरह के विचार कभी-कभी संकोचपूर्ण लग सकते हैं, लेकिन यह तथ्य है कि न केवल बदलती तकनीकी दुनिया में बल्कि व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तरों पर निरंतर सीखने की संस्कृति अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह करियर के हर चरण में अपार संभावना रखने वाले व्यक्तियों की तलाश करने की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया केवल कौशल को सुधारने का साधन नहीं है बल्कि व्यक्ति के समग्र विकास का माध्यम है।