इंद्रप्रस्थ गैस, महानगर गैस और गुजरात गैस के शेयरों में 20% तक गिरावट का कारण
नव॰, 19 2024शेयर बाजार में गिरावट का प्रभाव
सोमवार को, शेयर बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिली जब शहर गैस वितरण (CGD) कंपनियों के शेयर जैसे कि इंद्रप्रस्थ गैस (IGL), महानगर गैस (MGL) और गुजरात गैस में 20% तक की भारी गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट का मुख्य कारण सरकार का एपीएम गैस आवंटन में लगातार दूसरी बार 20% की कटौती का निर्णय है। यह कटौती इन कंपनियों के कच्चे माल की लागत को बढ़ाने वाली है, क्योंकि इन्हें अब स्पॉट एलएनजी, हाई प्रेशर हाई टेम्परेचर (HPHT) क्षेत्रों और नई घरेलू स्रोतों से महंगी गैस खरीदनी होगी।
एपीएम गैस में कटौती का वितरीत कंपनियों पर प्रभाव
जहां तक APM गैस आवंटन की बात है, पिछले महीने की आवश्यकताओं का 65-70% से घटकर मात्र 40-45% रह गया है, जबकि FY21 में यह 154% था। IGL और MGL की स्थिति अधिक क्षतिकारक है क्योंकि इनकी 80% से अधिक वोल्यूम प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में है, जैसे कि CNG और हाउसहोल्ड PNG। इसकी तुलना में, गुजरात गैस की स्थिति थोड़ी बेहतर है, क्योंकि उसका फोकस औद्योगिक ग्राहकों पर रहता है।
इस स्थिति से निपटने के लिए, विश्लेषकों का मानना है कि ये कंपनियां अपने मार्जिन को संभालने के लिए कीमतों में 10% की वृद्धि कर सकती हैं। हालांकि, आगामी राज्य चुनावों के कारण यह वृद्धि संभावित रूप से प्रभावित हो सकती है।
बाजार विश्लेषण और अंकों में गिरावट
आईजीएल के शेयर सोमवार को 20% गिरकर ₹324.70 पर आ गए, जो कि एक साल का न्यूनतम स्तर थी। एमजीएल के शेयरों में 18% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे वे ₹1,075.25 पर आ गए। गुजरात गैस ने 9% की गिरावट का अनुभव किया और ₹442.50 पर बंद हुए। इसके अलावा, अडानी टोटल गैस में 5% की गिरावट देखी गई और गुजरात स्टेट पेट्रोनेट में 8% की गिरावट दर्ज की गई।
निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स 2% तक गिरा, जिसमें 13 स्टॉक्स लाल दिखे और मात्र दो स्टॉक्स ने कुछ मामूली लाभ दिखाए।
ब्रोकेरेज फर्म्स की प्रतिक्रिया
कई ब्रोकेरेज फर्मों ने, जैसे कि जेफरीज और जेपीमॉर्गन, ने IGL और MGL की रेटिंग में कटौती की है और उनके प्राइस टारगेट्स को घटाया है। CLSA का अनुमान है कि अगर कोई कीमत वृद्धि नहीं की गई, तो यह कदम IGL और MGL की यूनिट EBITDA मार्जिन में 30-45% की कमी ला सकता है।
इन सबके बीच, ऐसे निर्णय सड़क पर बड़े हिस्से की जनता को काफी प्रभावित कर सकते हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां CNG और हाउसहोल्ड PNG की मांग अधिक है। यह स्थिति सरकार और कंपनियों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती को बढ़ा रही है।
वित्तीय बाजार की ये घटनाएँ और एपीएम गैस आवंटन में हो रही कटौती इस क्षेत्र में भविष्य की अवधि के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनियां आगामी समय में इन चुनौतियों का सामना कैसे करती हैं और निवेशकों के भरोसे को कैसे बनाए रखती हैं।