भारत ने पाकिस्तान के AWACS को गिराया: आसमान की जासूसी में बड़ी सेंध, रणनीतिक संतुलन पर असर

AWACS गिरने की कहानी: आसमान में टूट गई पाकिस्तान की नजर
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बीचोंबीच अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है। हाल में भारत ने पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) के सबसे भरोसेमंद निगरानी विमान Saab 2000 Erieye AWACS को पंजाब प्रांत के आसमान में ढेर कर दिया। पाकिस्तान अपनी सीमा से लगे जम्मू, पंजाब और राजस्थान क्षेत्रों में हमलावर ड्रोन और मिसाइल भेजकर सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहा था। भारत की एयर डिफेंस ने न सिर्फ इन हमलों को नाकाम किया बल्कि पलटवार करते हुए यह बड़ा नुकसान पहुँचा दिया।
AWACS यानी Airborne Warning And Control System किसी भी देश की वायुसेना के लिए सबसे कीमती संसाधन होता है। यह विमान सिर्फ दुश्मन के फाइटर जेट या मिसाइल को जल्दी पकड़ता ही नहीं, बल्कि पूरे एयरस्पेस में समन्वय और मुकाबले की कमान संभालता है। पाकिस्तान के बेड़े में केवल नौ Saab Erieye सिस्टम ऑपरेशनल थे, जिनमें से एक को खोना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।

रणनीतिक मायने: पाकिस्तान के लिए कितना भारी नुकसान?
कोई भी विवाद या तनाव के हालात में AWACS को “force multiplier” कहा जाता है, मतलब यह अपनी वायुसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देता है। अब भारत की जवाबी कार्रवाई में सिर्फ AWACS ही नहीं, बल्कि पाकिस्तानी एयर फोर्स के तीन फाइटर जेट भी नष्ट किए गए—जिनमें एक F-16 और दो JF-17 शामिल हैं। ड्रोन हमलों को भी हवा में ही मार गिराया गया। भारत की ओर से किसी जान या संसाधन का नुकसान नहीं हुआ।
पाकिस्तान के लिए इससे बड़ा नुकसान यह है कि अब उनकी वायुसेना का एयरस्पेस मॉनिटरिंग और त्वरित प्रतिक्रिया वाला तंत्र कमजोर हो गया है। युद्ध या तनाव के वक्त जब विमानों, मिसाइलों और ड्रोन के बीच तेज गतिशीलता होती है, वहां AWACS की भूमिका सबसे अहम हो जाती है। यही सिस्टम दुश्मन के आने-जाने का पता लगाने, अपने जेट्स को सही दिशा में निर्देशित करने, और आकाश में प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने का काम करता है।
अब जब पाकिस्तान ने इस कड़ी में एक कड़ी खो दी है, उसका पूरा एयर डिफेंस प्लान लड़खड़ा गया है। खासकर सीमावर्ती मंडलों में उसकी सटीकता और जवाबदेही का स्तर कम हो गया है। यह नुकसान रातोंरात पूरा होना नामुमकिन है क्योंकि एक नया AWACS लाना और क्रू को ट्रेन करना बरसों का काम है।
कई बार ऐसी घटनाएं इसलिए और भी ज्यादा मायने रखती हैं क्योंकि आधुनिक लड़ाइयों में तकनीकों की भूमिका बढ़ गई है। जब कोई देश दूसरे के सबसे एडवांस्ड और सेंसेटिव सिस्टम को खत्म कर देता है, तो उसकी रणनीति, मनोबल और योजनाओं पर लंबा असर पड़ता है।