बांग्लादेश ने बनाई इतिहास, श्रीलंका को 2-1 से हराया पहला T20I सीरीज
सित॰, 25 2025
पहला मैच: शुरुआती उलटफेर
श्रीलंका ने पहले टोक में ही बांग्लादेश को गिरा दिया। बांग्लादेश ने 154/5 पर डिफ़ेंड किया, लेकिन कुसल मेंडिस ने 73 रन बनाकर 51 गेंदों में लक्ष्य को 159/3 पर पहुँचाया। इस जीत में श्रीलंका के तेज़ आउटफील्डिंग और बाउंड्रीज़ ने बड़ा योगदान दिया। बांग्लादेश की ओर से पारवेज़ होसैन इमन ने 38 रन की तेज़ पारी खेली, पर कुल मिलाकर टीम का प्रदर्शन अधूरी रह गया।
मैच के बाद दोनों टीमों के कोच ने दबाव के बारे में बात की, जहाँ बांग्लादेश की ओर से कहा गया कि शुरुआती हार को सीख लेकर आगे की पारी में वापस आना है।
दूसरा व तीसरा मैच: श्रृंखला का मोड़
दूसरे मैच में बांग्लादेश ने पूरी तरह से खेल का तालमेल बदल दिया। लिटन दास ने 76 रन बनाए, 50 गेंदों में ही टीम को 177/7 तक पहुंचाया। यह स्कोर उस समय सबसे बड़ा टार्गेट था, और श्रीलंका की बैटिंग लाइन‑अप पूरी तरह टूट गई। रिशाद हुसैन ने 3 विकेट लिये, 3.2 ओवर में 18 रन देकर प्रतिद्वंद्वियों को निराश कर दिया। अंत में श्रीलंका 94 सभी आउट करके 15.2 ओवर में ही हार गया, जिससे बांग्लादेश ने भारी 83‑रन की जीत हासिल की।
तीसरे निर्णायक टोक में दोनों टीमों के बीच तनाव का स्तर शिखर पर था। श्रीलंका ने 132/7 बनाकर लक्ष्य रखा, जिसमें पथुम निस्सांका ने 46 रन का योगदान दिया। बांग्लादेश ने फिर से अटूट अटैक दिखाया—तंजिद हसन ने 73* बनाकर 47 गेंदों में लक्ष्य को निश्चित कर दिया। यह पारी केवल 16.3 ओवर में समाप्त हो गई, जिसे बांग्लादेश ने 2 विकेट से बचाकर पक्का किया। मैच में बेहतरीन गेंदबाज़ी महेदी हसन की रही; उन्होंने 4/11 की शानदार व्यक्तिगत बॉलिंग की और इस जीत के साथ अपना 50वाँ T20I विकेट भी ले लिया।
तीन मैचों की इस श्रृंखला में लिटन दास को मिला बांग्लादेश ट20 श्रृंखला जीत का प्लेयर ऑफ द सीरीज खिताब। उनकी निरंतरता और सांथ जैसे दमदार पारी ने टीम को न केवल जीत दिलाई, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए जागरूकता भी पैदा की। इस जीत से बांग्लादेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने T20I क्षितिज को विस्तारित करने का भरोसा मिला है, विशेषकर आने वाले विश्व कप और एशिया कप में।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस जीत से बांग्लादेश की टॉप क्रम में सुधार होगा और टीम को अगली बड़ी चुनौतियों के लिए मानसिक मजबूती मिलेगी। अब सवाल यह है कि बांग्लादेश इस उत्साह को कैसे बनाये रखेगा और आगे के टूर में कौन‑से नए खिलाड़ी उभर कर सामने आएंगे।
Anshul Jha
सितंबर 25, 2025 AT 18:43बांग्लादेश की जीत में विदेशी हस्तक्षेप छुपा है। इस सीरीज में लकीरें वही नहीं बनीं जहाँ चाहिये।
Anurag Sadhya
सितंबर 25, 2025 AT 20:06श्रीलंका की असफलता से सीख लेना चाहिए, बांग्लादेश ने सही योजना बनाई है 😊। इस तरह की प्रतिस्पर्धा दोनो देशों के लिए विकास का अवसर देती है।
Sreeramana Aithal
सितंबर 25, 2025 AT 21:30बांग्लादेश ने इस जीत के साथ खेल की पवित्रता को धूम्रित कर दिया है-क्या यही वह नैतिकता है जिसे हम चाहते हैं? 🎭 उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी निंदनीय है, लेकिन यही छाप देना चाहिए कि जीत केवल शक्ति से नहीं, बल्कि ईमानदारी से आनी चाहिए :)
Anshul Singhal
सितंबर 25, 2025 AT 22:53पहली बार बांग्लादेश ने इस तरह की सीरीज जीती है, यह उनके विकास की कहानी को नयी दिशा देता है। टीम ने शुरुआत में जो चुनौती का सामना किया, वह असाधारण साहस का प्रतीक था। लिटन दास की स्थिरता ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया। तंजिद हसन की तेज़ पारी ने यह सिद्ध किया कि दबाव में खेलना ही असली खेल है। महेदी हसन की गेंदबाज़ी ने विरोधियों को चकित कर दिया और उनका आत्मविश्वास तोड़ दिया। इस जीत ने बांग्लादेश को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान दिलाया और उनके रैंकिंग को बढ़ाने की संभावना बढ़ी। प्रत्येक खिलाड़ी ने अपनी भूमिका को समझते हुए टीम को एकजुट किया। कोच की रणनीति ने मैच के मोड़ को महारथी बना दिया। दर्शकों की उत्सुकता ने माहौल को electrify कर दिया, जिससे खेल और भी रोमांचक हुआ। श्रीलंका ने भी अपनी क्षमताओं को दिखाया, परंतु निराशाजनक प्रदर्शन ने उन्हें पीछे धकेल दिया। इस सीरीज ने दिखाया कि छोटे मैंडेटा में भी बड़े परिणाम हो सकते हैं। बांग्लादेश ने यह प्रमाणित किया कि एकजुटता और कड़ी मेहनत से सब कुछ संभव है। युवा खिलाड़ियों को अब इस जीत से प्रेरणा मिलनी चाहिए और उन्हें अपने खेल में नयी ऊँचाइयाँ छूनी चाहिए। इस प्रकार, बांग्लादेश का भविष्य उज्ज्वल दिखता है, बशर्ते वे इस ऊर्जा को बनाए रखें। अंत में, हमें इस जीत को सराहना चाहिए और साथ ही खेल की भावना को भी सम्मान देना चाहिए।
DEBAJIT ADHIKARY
सितंबर 26, 2025 AT 00:16बांग्लादेश की इस जीत के लिए हार्दिक बधाई एवं सम्मान।