बांग्लादेश में अशांति के दौरान शाकिब अल हसन पर हत्या का आरोप, राजनीति और क्रिकेट में मच गया बवाल
अग॰, 24 2024ढाका में अशांति के दौरान रुबेल इस्लाम की हत्या
ढाका में बढ़ती राजनीतिक उथल-पुथल के बीच 5 अगस्त को हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान रुबेल इस्लाम की हत्या का मामला सामने आया। रुबेल, जो पेशे से एक वस्त्रकर्मी थे, को उनकी छाती और पेट में गोली मारी गई थी। उनका 7 अगस्त को निधन हो गया। उनके पिता, रफीकुल इस्लाम ने 22 अगस्त को आदाबोर पुलिस स्टेशन में यह मामला दर्ज कराया।
शाकिब अल हसन पर आरोप
इस घटना के मामले में बांग्लादेश के मशहूर क्रिकेटर शाकिब अल हसन पर भी आरोप लगा है। उन्हें 28वें आरोपी के रूप में नामित किया गया है। शाकिब उस समय कनाडा के ग्लोबल टी20 कनाडा लीग में क्रिकेट खेल रहे थे और बांग्लादेश में नहीं थे। इसके बावजूद उन्हें भी आरोपियों की सूची में शामिल किया गया है।
शाकिब के अलावा, इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और प्रसिद्ध बांग्लादेशी अभिनेता फर्दौस अहमद को भी आरोपी बनाया गया है। कुल 156 लोगों के खिलाफ इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है। आरोप है कि अज्ञात लोगों ने कुछ आरोपियों के निर्देश पर छात्रों पर गोलीबारी की।
शेख हसीना की सरकार का पतन
इन राजनीतिक हलचलों के बीच शेख हसीना की सरकार का पतन हो गया और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के प्रधान सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। नोबेल विजेता यूनुस की नियुक्ति ने जहां एक ओर राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों में आशा की एक नयी किरण भी जगाई है।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड में बदलाव
इन घटनाओं के बीच, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) में भी बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। नजमुल हसन पापोन के इस्तीफे के बाद फारूक अहमद ने बतौर अध्यक्ष पदभार संभाल लिया है। शाकिब अल हसन के खिलाफ मामले ने न केवल उनकी क्रिकेट करियर पर असर डाला है बल्कि BCB के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
शाकिब को पाकिस्तान के खिलाफ चल रही दो टेस्ट मैचों की सीरीज में खेलने की अनुमति मिली हुई है, लेकिन उनका भविष्य अनिश्चित है। BCB उनके भविष्य के मैचों में उपलब्धता को लेकर विचार कर रहा है।
यह मामला शाकिब के करियर के लिए एक गंभीर चुनौती पैदा कर सकता है, क्योंकि वह बांग्लादेश क्रिकेट टीम के प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उनके खिलाफ लगे आरोप न केवल उनकी साख को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी भागीदारी पर भी सवाल उठा सकते हैं।
राजनीतिक संकट में क्रिकेटरों का उलझना
बांग्लादेश राजनीति में आने वाले इस तूफान ने यह भी दिखाया है कि राजनीतिक उथल-पुथल का असर सभी सामाजिक और व्यावसायिक क्षेत्र पर पड़ सकता है। शाकिब अल हसन सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं हैं, वे लाखों युवाओं के प्रेरणा स्रोत भी हैं। उनकी इस स्थिति ने प्रशंसकों को भी चिंता में डाल दिया है।
अब देखने वाली बात यह है कि क्या यह मामला शाकिब की क्रिकेट की यात्रा को प्रभावित करेगा या वे इससे पार पाने में सफल होंगे। शायद न्याय प्रक्रिया के तहत उन्हें अपनी निर्दोषता साबित करने का अवसर मिलेगा। यह घटना एक बड़े आंदोलन का हिस्सा है जो भविष्य में बांग्लादेश की राजनीति और क्रिकेट दोनों पर गहरा असर डाल सकता है।