Asia Cup 2025 पॉइंट्स टेबल: बांग्लादेश की जीत से सुपर फोर लाइनअप तय, अफगानिस्तान बाहर

Asia Cup 2025 पॉइंट्स टेबल: बांग्लादेश की जीत से सुपर फोर लाइनअप तय, अफगानिस्तान बाहर सित॰, 19 2025

पॉइंट्स टेबल और ग्रुप तस्वीर

एक जीत ने बांग्लादेश का रास्ता बदल दिया—अफगानिस्तान पर अहम जीत के साथ टीम ने सुपर फोर का टिकट पक्का कर लिया। टूर्नामेंट यूएई में 9 से 28 सितंबर तक चल रहा है, और ग्रुप स्टेज के खत्म होते-होते तस्वीर साफ हो गई है कि खिताब की होड़ अब चार टीमों के बीच सिमट गई है: भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश. यही Asia Cup 2025 का सुपर फोर है।

ग्रुप B में श्रीलंका बेजोड़ रहा। तीनों मैच जीते, 6 अंक, नेट रन रेट +1.278—सीधा बयान कि टीम संतुलित है और दबाव में भी मैच खत्म करना जानती है। बांग्लादेश 3 में 2 जीत के साथ 4 अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहा, हालांकि NRR -0.270 बताता है कि जीत के बावजूद मार्जिन छोटे रहे।

अफगानिस्तान की कहानी उलटी पड़ी। नेट रन रेट +1.241 जैसा मजबूत आंकड़ा, पर 3 में सिर्फ 1 जीत—और इसी वजह से टीम 2 अंक के साथ बाहर। यह याद दिलाता है कि टूर्नामेंट में प्राथमिकता जीतों को मिलती है, NRR सिर्फ बराबरी की स्थिति में दरवाजा खोलता है। हांगकांग का अभियान निराशाजनक रहा—3 हार, 0 अंक, NRR -2.151।

ग्रुप A का शीर्ष भारत ने अपने नाम किया। 2 में 2 जीत, 4 अंक और शानदार NRR +4.793—यह बताता है कि बल्लेबाज़ी-बॉलिंग दोनों यूनिट क्लिक कर रहे हैं और मैच बड़े अंतर से जीते गए हैं। पाकिस्तान ने 3 में से 2 मैच जीते, 4 अंक और NRR +1.790 के साथ आगे बढ़ा। मेजबान यूएई 3 में 1 जीत के साथ 2 अंक पर रुक गया, NRR -1.984 उनकी उतार-चढ़ाव वाली परफॉर्मेंस दिखाता है। ओमान 2 मैचों में जीत से दूर रहा, 0 अंक और NRR -3.375 के साथ बाहर।

  • ग्रुप A: भारत 4 अंक (NRR +4.793), पाकिस्तान 4 अंक (NRR +1.790), यूएई 2 अंक (NRR -1.984), ओमान 0 अंक (NRR -3.375)
  • ग्रुप B: श्रीलंका 6 अंक (NRR +1.278), बांग्लादेश 4 अंक (NRR -0.270), अफगानिस्तान 2 अंक (NRR +1.241), हांगकांग 0 अंक (NRR -2.151)

पॉइंट्स टेबल का बड़ा सबक साफ है—जीत सबसे ऊपर। अफगानिस्तान जैसी टीम का पॉजिटिव NRR भी उन्हें नहीं बचा पाया, क्योंकि जीतें कम थीं। यह वही फर्क है जो बांग्लादेश ने आखिरी मैच में बनाया—नतीजा अपने पक्ष में किया और दरवाज़ा खुल गया।

भारत की अपराजित बढ़त न सिर्फ टॉप-ऑर्डर के रन पर टिकी है, बल्कि नई गेंद से शुरुआती विकेट और मध्य ओवरों में कंट्रोल भी रहा। पाकिस्तान की मजबूती उनकी तेज़ गेंदबाज़ी और पावरप्ले में अनुशासन है, पर बीच-बीच में बैटिंग का डिप उन्हें मैच लंबा खींचने पर मजबूर करता है। श्रीलंका की रफ्तार स्थिर है—स्पिन-सीम का संतुलन और लोअर मिडल ऑर्डर की रेस्क्यू क्षमता काम आई। बांग्लादेश ने परिस्थितियों के हिसाब से खेला, डेथ ओवरों में गेंदबाज़ी से मैच पलटा, भले बैटिंग में अभी जगह बची है।

यूएई की मेजबानी अच्छी रही, पर स्कोरबोर्ड पर दबदबा नहीं दिखा। ओमान और हांगकांग की चुनौती तेज़ गेंद और स्लोअर पिचों पर पढ़ने में अटकी। टूर्नामेंट आगे बढ़ते-बढ़ते पिचें थोड़ी थकी दिखेंगी—ऐसे में 260-280 के स्कोर भी मुकाबला करा सकते हैं।

अब आगे क्या: सुपर फोर की रेस

अब आगे क्या: सुपर फोर की रेस

सुपर फोर में राउंड-रॉबिन होगा—चारों टीमें एक-दूसरे से खेलेंगी। टॉप-2 फाइनल में पहुंचेंगी, जिसका शेड्यूल 28 सितंबर की तारीख पर टिका है। इसका मतलब है हर मैच नॉकआउट जैसा है, क्योंकि मामूली चूक सीधे टेबल पर असर डालेगी।

सबसे गर्म मुकाबला भारत बनाम पाकिस्तान रहेगा। ग्रुप स्टेज में दिखी फॉर्म बताती है कि भारत की तेज़ शुरुआत और पाकिस्तान का पावरप्ले बॉलिंग स्पेल इस भिड़ंत की धुरी होंगे। अगर बीच के ओवरों में स्पिनर्स कंट्रोल बना लें, तो मैच वहीं झुक जाएगा।

श्रीलंका बनाम बांग्लादेश भी अहम है। दोनों टीमें धीमी पिचों पर सिंगल-डबल के साथ गेम मैनेज करती हैं। श्रीलंका की अनुभवी स्पिन जोड़ी और बांग्लादेश के डेथ ओवर विशेषज्ञ—यह कॉम्बिनेशन मैच के अंत में फर्क पैदा कर सकता है।

भारत बनाम श्रीलंका हाल के वर्षों में एशिया कप का बड़ा नैरेटिव रहा है। यहां छोटी-छोटी चीजें काम आती हैं—पावरप्ले में विकेट न देना, 35 से 45 ओवर के बीच का ब्लॉक जीतना, और फील्डिंग की सटीकता। इसी तरह पाकिस्तान बनाम बांग्लादेश में नई गेंद का स्विंग और टॉप ऑर्डर की ठहराव क्षमता तय करेगी कि 270 डिफेंड हो सकता है या 300 भी कम पड़ेगा।

यूएई की पिचें आम तौर पर सूखी रहती हैं—लो बाउंस, थोड़ी पकड़, और रात में हल्की ओस। ऐसे में टीमों के लिए दो बातें अहम होंगी: 1) स्पिन-सीम का मिश्रण, 2) डेथ ओवरों में विविधता—स्लोअर बॉल, हार्ड लेंथ और यॉर्कर। टॉस जीतकर टीमें चेस को तरजीह दे सकती हैं, पर स्कोरबोर्ड प्रेशर यहां कई बार मैच पलट देता है।

रणनीति की बात करें तो भारत को अपनी मिडल-ओवर स्ट्राइक-रेट और फिनिशिंग को स्थिर रखना होगा, ताकि बड़े NRR के साथ पॉइंट्स भी सुरक्षित रहें। पाकिस्तान के लिए टॉप-ऑर्डर की साझेदारी और 40वें ओवर के बाद रन-फ्लो निर्णायक रहेगा। श्रीलंका को पावरप्ले में एक अतिरिक्त अटैकिंग विकल्प चाहिए, ताकि मिडल-ओवर स्पिनर्स का प्रभाव और बढ़े। बांग्लादेश के लिए नंबर 5-6 पर रन की नियमितता और कैचिंग—दोनों चीजें उन्हें बाकी टीमों के बराबर लाकर खड़ा करती हैं।

कैलेंडर तंग है, इसलिए बेंच स्ट्रेंथ निर्णायक बन सकती है। एक-दो चोटें किसी भी टीम का समीकरण बिगाड़ सकती हैं। लगातार खेल में रिकवरी, स्क्वाड रोटेशन और परिस्थितियों के हिसाब से प्लेइंग-इलेवन चुनना—यहीं मैनेजमेंट की असली परीक्षा होगी।

फैंस के लिए अगले कुछ दिन हाई-वोल्टेज क्रिकेट से भरे रहेंगे। सुपर फोर में हर ओवर मायने रखता है, और पॉइंट्स टेबल का हर छोटा बदलाव फाइनल की राह बदल सकता है। अभी तक के संकेत बताते हैं कि बड़े मार्जिन की जीतें बोनस हैं, पर असली मुद्रा जीत है—और वही चारों टीमों के दिमाग में चल रही है।